आग की लपटों और धुएं में घिरे हैं यूक्रेन के शहर
२७ फ़रवरी २०२२रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी परमाणु हथियारों को लॉन्च के लिए तैयार रहने को कहा है. पुतिन ने इसके लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि नाटो शक्तियों ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ ही रूसी बैंकों को स्विफ्ट भुगतान तंत्र से बाहर कर दिया और "आक्रामक बयान" दे रहे हैं. पुतिन ने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख को परमाणु प्रतिरक्षा हथियारों को "युद्धक अभियान की विशेष स्थिति" में रखने का हुक्म दिया. अमेरिका ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए रूस पर युद्ध को फैलाने का आरोप लगाया है.
रूस और यूक्रेन एक प्रतिनिधिमंडल के जरिए आपस में बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. यह बातचीत बेलारूस और यूक्रेन की सीमा पर होगी.
इस बीच रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर में भी घुस गई है. रूसी सेना ने यूक्रेन के तेल और गैस ठिकानों को निशाना बनाया है. रविवार सुबह भी कई जगहों पर भारी धमाकों की आवाज के साथ आग की लपटें और धुएं का बादल उठता नजर आया. यूक्रेन की सेना ने रूसी सैनिकों को राजधानी कीव में आगे बढ़ने से रोक रखा है. इस बीच रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में घुस गई है.
पूरी रात चलता रहा हमला
रूसी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि बीती रात बहुत भयानक थी. रूसी गोलाबारी का निशाना नागरिक ठिकानों को बनाया गया. इनमें एक एंबुलेंस भी शामिल है. अब तक इस लड़ाई में कितने लोगों की जान गई है, इसका ठीक ठीक आंकड़ा नहीं मिल सका है. संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने 64 लोगों की जान जाने की बात कही, जबकि यूक्रेन का दावा है कि 3,500 रूसी सैनिक हताहत हुए हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ने कहा है कि करीब 3500 रूसी सैनिक या तो घायल हुए हैं या मारे गए हैं. पश्चिमी देशों के अधिकारी खुफिया जानकारी के आधार पर बता रहे हैं कि रूसी सेना को उम्मीद से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है.
रूस ने आधिकारिक रूप से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. स्वतंत्र रूप से भी मौत के आंकड़ों की पुष्टि नहीं हो सकी है.
रूस के मिसाइलों का हमला पूरी रात चलता रहा है. इसमें एक हमला वासिलकिव में एक तेल ठिकाने पर हुआ जो कीव के दक्षिणपश्चिम में है. यहां धमाके के बाद आग की भारी लपटें निकलने लगीं पूरा आसमान काले धुएं से भर गया. वासिलकीव की मेयर नतालिया बालासिनोविच का कहना है, "दुश्मन हर चीज को खत्म कर देना चाहता है."
यूुक्रेन के अधिकारियों ने लोगों को उनके घरों में और सुरक्षित ठिकानों पर रहने के लिए कहा है. कीव में सोमवार तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है.
उत्तर पूर्वी इलाके में मौजूद खारकीव में भारी लड़ाई चल रही है. यहां रूसी सैनिकों ने प्राकृतिक गैस की एक पाइपलाइन को उड़ा दिया है. धमाके ने आकाश को गहरे धुएं से ढंक दिया. हालांकि यूक्रेन के गैस पाइपलाइन ऑपरेटर का कहना है कि यूक्रेन से हो कर यूरोप जाने वाली रूसी गैस की सप्लाई सामान्य रूप से चालू है.
यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने टेलिग्राम पर तस्वीरें डाली है जिनमें बहुत से सैन्य गाड़ियों को खारकीव की सड़कों पर देखा जा सकता है. एक जलते हुए टैंक की तस्वीर भी अलग से डाली गई है.
कीव में रह रह कर गोलियों और धमाकों की आवाज पूरी रात गूंजती रही. सुबह 9 बजे के करीब हवाई हमले का सायरन बजने के बाद तीन बड़े धमाकों की आवाज भी सुनाई दी है.
दृढ़ता से डटे हैं जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की काफी दृढ़ता के साथ डटे हुए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश डाला है जो कीव की सड़कों पर रिकॉर्ड किया गया है. संदेश में जेलेंस्की ने कहा है "हम दुश्मन के हमले के सामने डटे हुए हैं और उन्हें रोकने में सफल हुए हैं." एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी का कहना है कि यूक्रेन के सैनिक रूस को हवा, जमीन और सागर में कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
रूस ने बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस भेजा है जिसमें सेना के अफसर और राजनयिक हैं. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बेलारूस में बात करने से मना कर दिया था. इसके पहले रूस ने कहा कि एक रूसी प्रतिनिधिमंडल बेलारूस चला गया है और बातचीत की प्रतीक्षा कर रहा है. बातचीत के समय और जगह की जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है. जेलेंस्की ने वारसॉ, ब्रातिस्लावा, बाकू, बुडापेस्ट या फिर इस्तांबुल में बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था. इस बीच इस्राएल के प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत में दोनों देशों के बीच मध्यस्थ बनने की पेशकश की है.
यूक्रेन को मदद
यूक्रेन को रूस के हमले का जवाब देने में दुनिया के कई देशों की मदद मिल रही है. हंगरी, पुर्तगाल, फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई देश उसकी मदद के लिए आगे आए हैं. अब तक हथियार देने से इनकार करता रहा जर्मनी भी अब इसमें शामिल हो गया है. जर्मनी ने यूक्रेन शनिवार की शाम यूक्रेन को हथियार देने पर लगी रोक हटाने का फैसला किया है. हालांकि यूक्रेन का कहना है कि यह फैसला देर से लिया गया है. इस वक्त समस्या यह है कि ये हथियार वहां पहुंचे कैसे? जर्मनी ने कहा है कि वह जल्दी ही टैंकरोधी हथियार और मिसाइलें यूक्रेन भेजेगा.
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने कहा है कि उसने यूक्रेन को और अधिक हथियार देने की मंजूरी दे रहे हैं ताकि वह रूस के हमले से अपना बचाव कर सके. अमेरिका ने यूक्रेन को 35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देने का फैसला किया है. इनमें टैंक रोधी हथियार, कवच और छोटे हथियार शामिल हैं. इटली ने यूक्रेन को 11 करोड़ यूरो की तत्काल मदद देने का एलान किया है.
रूस पर प्रतिबंधों का आना जारी
शनिवार को इन देशों ने कुछ रूसी बैंकों के स्विफ्ट भुगतान तंत्र का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का फैसला किया. ऐसे में रूस और उसकी कंपनियों के लिए व्यापार मुश्किल हो जाएगा. इन देशों का कहना है कि वे रूसी सेंट्रल बैंक पर भी इस तरह की पाबंदियां लगाएंगे कि रूसी मुद्रा रूबल की मदद करना मुश्किल हो जाएगा.
इन देशों ने उन बैंकों का नाम नहीं लिया जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा लेकिन यूरोपीय संघ के एक अधिकारी का कहना है कि 70 फीसदी रूसी बैंकिंग बाजार पर इसका असर होगा. पश्चिमी देश पहले स्विफ्ट का इस्तेमाल करने से बच रहे थे क्योंकि इसका असर उनकी अपनी अर्थव्यवस्था पर भी होगा. रूस के सेंट्रल बैंक पर पाबंदी से पुतिन के लिए विदेशी मुद्रा के भंडार का इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाएगा. रूस के पास करीब 640 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है और प्रतिबंधों का सामना करने में पुतिन के लिए इसे बड़ी मदद समझा जा रहा है.
इस बीच गूगल ने रूस के सरकारी टीवी चैनल आरटी और दूसरे चैनलों को उनके वेबसाइट से होने वाली कमाई रोक दी है. इसमें वेबसाइट, ऐप और यूट्यूब के वीडियो शामिल हैं. इसी तरह के कदम फेसबुक ने भी उठाए हैं.
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रूसी विमानों के लिए रास्ता बंद
जर्मनी ने अपनी वायुसीमा से रूसी विमानों के गुजरने पर रोक लगा दी है. जर्मनी के अलावा अमेरिका, बेल्जियम, नीदरलैंड, इटली ने भी रूसी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने का फैसला किया है. इनके अलावा नॉर्डिक देशों में फिनलैंड, स्वीडन और डेनमार्क ने भी कहा है को अपनी वायुसीमा को रूसी विमानों के लिए बंद करने की तैयारी कर रहे हैं. पुर्तगाल, स्पेन, इटली, फ्रांस कनाडा और उत्तरी मैसेडोनिया ने भी रूसी विमानों के लिए वायुसीमा बंद करने का एलान कर दिया है.
इन देशों की कतार में ब्रिटेन, बुल्गारिया, पोलैंड, चेक, रोमानिया भी शामिल हो रहे हैं. बाल्टिक देशों में लिथुआनिया, लातविया और एस्तोनिया भी रूसी विमानों के लिए अपनी वायुसीमा बंद कर रहे हैं. आइसलैंड भी इन देशों में शामिल हो गया है. रूस ने भी इनमें से ज्यादातर देशों के लिए अपनी वायुसीमा बंद कर दी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज एक और बैठक हो रही है जिसमें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध रोकने के लिए प्रस्ताव को आम सभा में भेजने के बारे में चर्चा की जाएगी. इससे पहले इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में रूस ने वीटो कर दिया था.
यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका के नेताओं ने शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है, "हम रूस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराएंगे और सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह जंग पुतिन के लिए एक रणनीतिक हार बने."
विकसित देशों के संगठन जी7 के नेता रविवार शाम एक ऑनलाइन बैठक करेंगे जिसमें रूस के खिलाफ आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
शरणार्थी संकट
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने रविवार को बताया कि रूस के हमले के बाद अब तक 368,000 लोग यूक्रेन से बाहर गए हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. इनमें से सबसे ज्यादा यानी करीब 156,000 लोग पोलैंड गए हैं. पोलैंड के बॉर्डर गार्ड का कहना है कि केवल शनिवार को ही करीब 77,300 लोगों ने सीमा पार की है.
इसके अलावा रोमेनिया, हंगरी, मोल्दोवा, स्लोवाकिया में भी लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. लाखों की संख्या में लोग यूक्रेन के भीतर भी विस्थापित हुए हैं. कोई पैदल, कोई कार में तो कोई किसी और जरिए जैसे भी संभव है यूक्रेन से निकलने की कोशिश कर रहा है. देश के बाहर जाने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और विदेशी हैं. इन्हें नहीं पता कि सीमा पार करने के बाद भी कहां जाएं. स्थानीय लोग और कुछ स्वयंसेवक इनके लिए खाना और दूसरी मदद का इंतजाम कर रहे हैं.
एनआर/एडी (एपी, रॉयटर्स, एएफपी,डीपीए)