आधुनिक मानव और निएंडरथाल के बीच कितना अंतर था?
१७ मई २०१९मानव की उत्पत्ति का रहस्य सुलझाने में लगे वैज्ञानिक अब उन्नत डीएनए तकनीकों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. इससे उन्हें हमारे प्राचीन पूर्वजों के समय जीवाश्मों का पता लगाने के लिए "मॉलिक्यूलर क्लॉक" मिलता है.
हालांकि हाल ही में वैज्ञानिकों को जीवाश्म में मिले दांतों का परीक्षण करने की एक नई तकनीक का पता चला जो निएंडरथाल और आधुनिक मानव के बीच के विस्तार को पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बता रहा है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की आईदा गोमेज रॉबल्स का कहना है कि दोनों प्रजातियों का जो आखिरी पूर्वज था वह कम से कम 8 लाख साल पहले धरती पर था.
इसके साथ ही मानव शास्त्रियों के बीच गर्म रहने वाली बहस में एक नई कहानी जुड़ गई है. नई टाइमलाइन मौजूदा टाइमलाइन की तुलना में 2 से 4 लाख साल पुरानी है. अगर यह दावा सच निकलता है तो होमो हाइडेलबेरगेंसिस खारिज हो जाएगा. यह एक और मानव की प्रजाति है जो लुप्त हो चुकी है. यह होमो सेपियंस और हमारे नजदीकी पूर्वज निएंडरथाल के बीच में आती है.
गोमेज रोबल्स का रिसर्च पेपर बुधवार को साइंस एंडवांसेज में प्रकाशित हुआ है. इस रिसर्च पेपर के मुताबिक हाल ही में होमिनिन दांतों की रिसर्च ने दिखाया है कि मानव प्रजातियों के आकार में भले ही अंतर हो लेकिन उनके दांत के आकार में समानता है और सभी प्रजातियों में इनके विकास की गति सुदृढ़ रही है. रॉबल्स ने 30 जीवाश्मों की दाढ़ और उससे आगे के चबाने वाले दांतों का परीक्षण किया. इन्हें पहले स्पेन से मिले निएंडरथाल और सात दूसरी लुप्त हो चुकी प्रजातियों का दांत माना जाता था. वो यह जानना चाहती थीं कि समय के साथ इनमें कितना बदलाव हुआ.
2014 की एक स्टडी में चमक तकनीक और पुराचुम्बकत्व तरीके से अध्ययन में स्पेन की इन गुफाओं का भरोसेमंद तरीके से समय बताया गया था. स्पेन के एतापुएर्का पहाड़ों की इन गुफाओं का काल 4 लाख 30 हजार साल पहले का बताया गया. इससे यह संकेत मिला कि सेपियंस और निएंडरथाल इससे पहले ही अलग हो गए थे.
कंप्युटर मॉडलिंग का इस्तेमाल कर उन्होंने पता लगाया है कि सिमा दातों में जो खास गुण नजर आए हैं उसका मतलब है कि सेपियंस और निएंडरथाल 8 लाख साल पहले ही अलग हो गए थे. इसमें उन्होंने मजबूत जलवायु कारणों को खारिज किया है जिसके कारण प्रजातियों का विकास ज्यादा तेजी से हुआ. रॉबल्स ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि होमो हाइडेलबेरगेंसिस आधुनिक मानव और निएंडरथाल दोनों का पूर्वज नहीं हो सकता."
इस खोज से लंबे समय से चली आ रही बहस खत्म नहीं होगी, ना ही यह बहस कमजोर होगी क्योंकि डीएनए आधारित डेटिंग की तकनीक से जिसका यह विरोध करती है वह भी इन्हीं धारणाओं पर भरोसा करता है कि समय के साथ जेनेटिक्स में कितना तेज बदलाव होता है.
गोमेज रॉबल्स का कहना है कि कोई भी तरीका पक्का नहीं है, लेकिन शारीरिक बदलाव का अध्ययन "हमें ज्यादा सही तस्वीर देता है." इसकी एक वजह यह भी है कि सबसे ज्यादा प्राचीन जीवाश्मों से डीएनए हासिल कर पाना अब भी संभव नहीं है. इसके साथ ही विकसित हो रहे शरीर का अलग अलग टाइमलाइन इस बात का भी सबूत है कि अलग अलग प्रजातियों के बीच कोई साफ विभाजन नहीं था.
एनआर/एमजे (एएफपी)