निएंडरथाल मानव आग जलाना जानता था
२० जुलाई २०१८निएंडरथाल मानव आग से परिचित था और इसका इस्तेमाल भी किया करता है यह तो सभी जानते हैं लेकिन माना जाता रहा है कि ज्यादातर ऐसा प्राकृतिक कारणों से होता था जैसे कि बिजली गिरना या फिर ज्वालामुखी विस्फोट. फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्राचीन औजारों का विश्लेषण करने के बाद कहा जा रहा है कि शायद वो लपट जलाना जानता था. रिसर्चरों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "हम निएंडरथाल मानव के नियमित रूप से आग जलाने का प्राचीन कलाकृति के रूप में पहला सीधा प्रमाण पेश कर रहे हैं." नीदरलैंड की लाइडन यूनिवर्सिटी में प्रागइतिहास पढ़ाने वाली प्रोफेसर मारी सोरेसी रिसर्च की सहलेखिका हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "हमें वो लाइटर मिला है जिससे निएंडरथाल मानव आग जलाता था."
निएंडरथाल मानव के बारे में कहा जाता है कि वो 40 हजार साल पहले तक मौजूद थे. करीब 430000 साल पहले उनका यूरोप में उदय हुआ था और उसके बाद वो दक्षिण पश्चिम और मध्य एशिया में फैल गए.
रिसर्चरों को दर्जनों ऐसे चकमक पत्थर मिले हैं जिनके प्रागैतिहासिक काल के औजारों की तरह दो रुख हैं. इन्हें देख कर यह संकेत मिलता है कि इन औजारों का इस्तेमाल फेरस मिरल जैसे कि पाइराइट या मार्कासाइड पर प्रहार के लिए किया जाता होगा. पाइराइट को भेदने से चिंगारी निकलती है. निएंडरथाल मानव इस चिंगारी को सूखी घास या पत्तियों पर गिरा कर आग जला लेता था.
लाइडन यूनिवर्सिटी के ही एंड्रयू सोरेन्सेन इस रिसर्च का नेतृत्व कर रहे थे. उनका कहना है कि वैज्ञानिक जानते हैं कि पत्थर के औजारों पर जो निशान मिले हैं वो प्राकृतिक नहीं हैं बल्कि उन्हें यूरोप में रहने वाले पुरापाषाण युग के आदिमानवों ने बनाया था. सोरेन्सेन का कहना है, "जो निशान हमने देखे वो अलग अलग हिस्सों में बने हैं और उनकी सीमाएं हमेशा औजार की लंबी धुरी की तरफ बनी हैं. अगर ये निशान प्राकृतिक होते तो वो पूरी सतह पर होते और उनका झुकाव जहां तहां होता."
इन निशानों को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है लेकिन रिसर्चरों ने बताया कि माइक्रोस्कोप से देखने पर इन निशानों से औजारों के खास इस्तेमाल का पता चलता है. आग जलाने के हुनर ने निएंडरथाल मानव के जीवन पर बहुत बड़ा असर डाला. सोरेन्सेन ने कहा, "अगर वो खुद से आग जला लेते थे तो फिर वो जहां चाहें जब चाहें आग जला सकते थे और तब उन्हें आग को लगातार जलाए रखने के लिए भारी मात्रा में ईंधन की जरूरत नहीं थी." इसके साथ ही सोरेन्सन ने बताया कि यह खास तौर से फ्रांस के ठंडे मौसम में ज्यादा जरूरी हो जाता था. इस वक्त फ्रांस घास से भरा बर्फीले बियाबानों वाला इलाका हुआ करता था जिसमें ईंधन के रूप में लकड़ी की भारी कमी हो जाती थी.
सोरेन्सन का कहना है कि उन्हें ज्यादा हैरानी नहीं होगी अगर किसी दिन पता चले कि इससे और पहले भी इंसान आग जला लेता था. हालांकि यह पूछने पर कि क्या निएंडरथाल मानव के आग इस्तेमाल करने के हुनर के बारे में अब सारे सवाल खत्म हो गए हैं, सोरेन्सेन ने कहा कि सवाल अब भी पूछे जा सकते हैं.
एनआर/एमजे(एएफपी)