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"इतिहास के कूड़ेदान में गिरेगा पश्चिम"

२३ मार्च २०११

लीबिया के शासक मुअम्मर गद्दाफी का कहना है कि पश्चिमी ताकतें इतिहास के कूड़ेदान का हिस्सा बनकर रह जाएंगी. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस लीबिया पर चार रातों से हमले कर रहे हैं.

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त्रिपोली में गद्दाफी की सभातस्वीर: picture alliance/dpa

पश्चिमी सेनाओं ने गद्दाफी के कई विमानों को मार गिराया है और उनकी सेना को भी नुकसान पहुंचाया है. विद्रोही अब भी बेनगाजी शहर पर कब्जा करके बैठे हैं. हालांकि न तो उनके पास अच्छे हथियार हैं और न ही वे सलीके से संगठित हैं. इसीलिए वे पूर्व में अजदाबियाह को पश्चिमी हवाई हमलों की मदद के बावजूद वापस नहीं पा सके हैं. मिसराता शहर पर भी गद्दाफी के टैंकों का कब्जा है.

एक चश्मदीद ने बताया कि बुधवार सुबह राजधानी त्रिपोली में दो धमाके सुने गए. शहर के ऊपर लड़ाकू विमान के उड़ने की आवाजें सुनाई दीं और इसके बाद एंटी एयरक्राफ्ट गन के चलने की आवाज आई.

इससे पहले गद्दाफी ने त्रिपोली में एक छोटी सभा को संबोधित किया. कुछ सुरक्षाकर्मियों ने उनके इर्द गिर्द एक मानव दीवार बना रखी थी. गद्दाफी ने टीवी पर अपने लाइव संदेश में कहा कि वह समर्पण नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "हम उन्हें हर हाल में हरा देंगे. हम लड़ने के लिए तैयार हैं, फिर चाहे यह कितनी भी देर क्यों न चले. आखिर में जीत हमारी होगी."

टीवी पर गद्दाफी लगभग एक हफ्ते बाद नजर आए. उन्होंने लगभग गरजते हुए कहा, "यह हमला...ये लोग फासीवादियों को झुंड है जिनका अंतर इतिहास के कूड़ेदान में होगा."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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