ईरान पर यूरोपीय संघ प्रतिबंध लगाएगा
१८ अप्रैल २०२४दो दिन की बैठक का पहला दिन पूरा होने के बाद गुरुवार सुबह यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष शार्ल मिषेल ने पत्रकारों को बताया कि यूरोपीय संघ ने "ईरान के खिलाफ प्रतिबंध" लगाने का फैसला किया है. मिषेल ने बताया, "ड्रोन और मिसाइल के लिए जरूरी कंपनियों को निशाना बनाने का विचार है." मिषेल ने यह भी कहा कि इसके बारे में और ब्यौरे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
यूरोपीय संघ की तरफ से जारी बयान में भी कहा गया है, "यूरोपीय संघ ईरान के खिलाफ और प्रतिबंधात्मक कदम उठाएगी, खासतौर से मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) और मिसाइलों के संदर्भ में."
इस्राएल से जवाबी कार्रवाई ना करने का आग्रह
बुधवार और गुरुवार को यूरोपीय संघ की बैठक वास्तव में संघ की अर्थव्यवस्था और उसकी प्रतिस्पर्धा पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. हालांकि मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव को देखते हुए आर्थिक मामले पर चर्चा को दूसरे दिन के लिए टाल दिया गया. यूरोपीय संघ के नेताओं ने शांति की अपील की है क्योंकि इस्राएल, सप्ताहांत में हुए ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले का जवाब देने के तरीके ढूंढ रहा है.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने इस्राएल से आग्रह किया है कि वह ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई ना करे. शॉल्त्स ने इस्राएल से कहा है कि वह ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले के खिलाफ सफल रक्षा का इस्तेमाल, "पूरे इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करने में करे." शॉल्त्स का कहना है कि इस आधार पर, "(हमले के) अनुरूप सैन्य जवाब निश्चित रूप से उचित नहीं होगा."
ईरान का कहना है किड्रोन और मिसाइलों से हमला सीरिया में ईरानी कॉन्सुलेट पर हुए मिसाइल हमले का जवाब था जिसमें उसके दो जनरल समेत तेरह लोगों की मौत हुई थी. अप्रैल की शुरुआत में हुए इस हमले का आरोप इस्राएल पर लग रहा है जिसने इसे ना तो स्वीकार किया है ना ही इससे इनकार.
ईरान की मिसाइल क्षमताओं से खतरा क्यों है?
ईरान ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध शुरू होने के बाद ड्रोन की सप्लाई के जरिए उसे सहयोग देना शुरू किया था. उसके बाद से ही ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों की एक व्यवस्था बनाई गई थी. अब इनमें जिसमें ईरान के लिए यूएवी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली चीजों के निर्यात पर रोक लगाना शामिल कर दिया जाएगा और इसका विस्तार मिसाइल निर्माण में उपयोग की जाने वाले सामान तक बढ़ाया जा सकता है.
ईरान के हमले के बाद पहली बार बुधवार को जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक और ब्रिटेन के विदेश मंत्री इस्राएल में थे. इसके बाद ये लोग इटली के कापरी में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे. कापरी में इटली ने मध्यपूर्व की ताजा स्थिति पर चर्चा के लिए विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमले के बाद यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया था.
यूरोपीय संघ ने जी7 के विदेश मंत्रियों से भी आग्रह किया है कि वह ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करें. बुधवार को शुरू हुई बैठक दो दिन चलेगी.
रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर प्रतिबंध मुश्किल
इस्राएल, ईरान की एलीट फोर्स इस्लामिक रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग कर रहा है. हालांकि यूरोपीय संघ का मानना है कि यह कर पाना फिलहाल मुश्किल होगा. इसके लिए पहले रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर यूरोपीय संघ के कानूनों के तहत किसी राष्ट्रीय प्रशासन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए मुकदमा चलाना होगा, तभी प्रतिबंध लग सकेंगे.
जर्मन विदेश नीति के मूल में है इस्राएल की सुरक्षा
शॉल्त्स का कहना है कि रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स की गतिविधियों के खिलाफ यूरोपीय संघ के एक फैसले के बाद यूरोपीय संघ के अधिकारी उसकी पड़ताल कर रहे हैं. इससे रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स के खिलाफ को आतंकवादी संगठन घोषित करने का रास्ता निकल सकता है. बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डे क्रू का कहना है कि उनका देश रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर प्रतिबंध का समर्थन करेगा.
मध्यपूर्व के अलावा यूरोपीय संघ के देशों ने यूक्रेन की एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत पर भी चर्चा की. यूरोपीय संघ की बैठक में वीडियो कॉल के जरिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी शामिल हुए. जेलेंस्की ने रूसी हवाई हमलों के खिलाफ ज्यादा सहयोग की मांग की. उन्होंने इस्राएल को मिले सहयोग से भी यूक्रेन की तुलना की.
यूक्रेन को आश्वासन
ईरान के ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के जेट विमानों ने भी मदद की थी. जेलेंस्की का कहना है कि दूसरी तरफ रूसी बमबारी के खिलाफ उसके पास ऐसी कोई मदद नहीं है. जेलेंस्की ने कहा, "यहां यूक्रेन में, जो यूरोप का हमारा हिस्सा है दुर्भाग्य से हमें उस स्तर की सुरक्षा नहीं मिलती जैसा कि मध्यपूर्व में हमने कुछ दिन पहले देखा. हमारे यूक्रेन का आकाश और हमारे पड़ोसी भी उसी स्तर की सुरक्षा दिए जाने योग्य हैं."
जर्मनी ने यूक्रेन को सतह से आकाश में मार करने वाली पैट्रियट मिसाइल सिस्टम दिए हैं. शॉल्त्स का कहना है कि दो सिस्टम दिए जा चुके हैं और आने वाले दिनों में और दिए जाएंगे. नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रुटे का कहना है कि उनका देश और डेनमार्क, यूक्रेन को एफ16 लड़ाकू विमान देने के लिए मिल कर प्रयास कर रहे हैं. यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम की सुरक्षा से लैस करने के मसल पर जी7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी चर्चा हो रही है.
शॉल्त्स ने कहा, "हम जानते हैं कि यूक्रेन को सहयोग देने के लिए हम अब तक जो कर रहे हैं उससे ज्यादा करना है. यह खासतौर से सभी जरूरी वायु सुरक्षा क्षमता के मामले में लागू होता है."
एनआर/आरपी (डीपीए, एपी)