ईयू में शरणार्थी नीति पर सहमति नहीं
८ अक्टूबर २०१३जहाज दुर्घटना में 230 लोगों की मौत के बाद यूरोपीय संघ के देशों के बीच शरणार्थियों के बंटवारे पर विवाद है. ईयू की शरणार्थी नीति में बदलाव की कोशिश जर्मनी सहित संघ के कई बड़े देशों के विरोध के कारण नाकाम हो गई. मंगलवार को लक्जेमबुर्ग में सदस्य देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में मौजूदा नियमों में बदलाव को बहुमत नहीं मिला. डब्लिन दो में तय नियमों के अनुसार यूरोप में वही देश शरणार्थियों की अर्जी पर विचार करने और उसकी रिहायश के लिए जिम्मेदार है जहां उसने यूरोपीय संघ के अंदर प्रवेश किया है.
बैठक के बाद ईयू की घरेलू मामलों की कमिश्नर सिसिलिया माल्मस्ट्रोएम ने कहा कि सदस्य देश इसके लिए तैयार नहीं हैं, "मैं नहीं समझती कि आज इसका दिन है." जर्मन गृह मंत्री हंस-पेटर फ्रीडरिष ने भी स्पष्ट किया, "डब्लिन दो में कोई परिवर्तन नहीं होगा." समस्या यह है कि यूरोपीय संघ की सीमा पर स्थित इटली, स्पेन और ग्रीस जैसे देश सालों से भूमध्य सागर के रास्ते आने वाले अफ्रीका के शरणार्थियों का दबाव झेल रहे हैं. गुरुवार को इटली के द्वीप लांपेडूजा के निकट शरणार्थियों से भरे जहाज के डूब जाने के बाद विवाद फिर से भड़क गया है.
शरणार्थी नीति में बदलाव पर भले ही सहमति नहीं हुई हो, लेकिन स्थिति से निबटने में इटली की सीधी मदद करने के लिए यूरोपीय संघ ने सीमा सुरक्षा और समुद्र में मुश्किल में फंसे शरणार्थियों को बचाने में और ज्यादा मदद देने का आश्वासन दिया है. आयोग ने सदस्य देशों को यूरोपीय सीमा सुरक्षा बल फ्रोंटेक्स के जरिए साइप्रस से स्पेन तक पूरे मध्य सागर में बड़ा अभियान चलाने का प्रस्ताव दिया है. माल्मश्ट्रोएम ने कहा, "मैं ज्यादा जिंदगियों की रक्षा के लिए राजनीतिक समर्थन और जरूरी संसाधनों की मांग करूंगी."
शरणार्थी नीति में बदलाव के मुद्दे पर जर्मनी पर लगातार दबाव बढ़ रहा है और उससे और ज्यादा कदमों की मांग की जा रही है. यूरोपीय संसद के अध्यक्ष जर्मनी के मार्टिन शुल्त्स ने भी मध्यसागर पर बसे देशों का बोझ कम करने के लिए जर्मनी के योगदान की मांग की है. जर्मनी के गृह मंत्री हंस-पेटर फ्रीडरिष ने लक्जेमबर्ग में जर्मन योगदान का बचाव करते हुए कहा, "जर्मनी वह देश है जो यूरोप में सबसे ज्यादा शरणार्थियों को ले रहा है." उन्होंने संसद अध्यक्ष की आलोचना को जानकारी के अभाव का सबूत बताया. फ्रीडरिष ने यूरोस्टैट के हवाले से बताया कि जर्मनी में दस लाख आबादी पर 945 शरणार्थी हैं, जबकि इटली में सिर्फ 260.
ईयू कमिश्नर माल्मस्ट्रोएम ने सदस्य देशों से जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से बांटने की मांग की. इस समय सारा बोझ 28 सदस्य देशों में से 6-7 पर है. माल्मस्ट्रोएम ने कहा, "बहुत से देश ज्यादा कर सकते हैं." ऑस्ट्रिया की गृह मंत्री योहान्ना मिक्ल-लाइटनर ने भी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से बांटने वाली व्यवस्था का समर्थन किया. जर्मन गृह मंत्री प्रीडरिष ने समुद्र में आपात सेवा को बेहतर बनाने और शरणार्थियों के देशों की हालत सुधारने के अलावा मानव तस्करी करने वाले गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
एमजे/एनआर (डीपीए)