'ईश्वर ही जानता है सचिन कब रुकेंगे'
१२ अक्टूबर २०१०ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर अखबारों में सचिन की वह तस्वीर छपी है जिसमें सेंचुरी बनाने के बाद वह अपने दोनों हाथ उठाकर दर्शकों का अभिवादन कर रहे हैं. एक अखबार में हेडलाइन है: सचिन इज द मैन ऑफ द सेंचुरी (सदी की शख्सियत सचिन). एक अन्य अखबार की सुर्खी है: अ प्रिविलेज टु वॉच.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने सचिन के बारे में लिखा है, "एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में सचिन ने जिस तरह की बैटिंग की है उसके लिए अगर जोरदार शब्द कहा जाए तो वह बहुत कम होगा. उन्होंने तो ऑस्ट्रेलिया के हमले को कागजी शेर का हमला साबित कर दिया."
अखबार लिखता है कि सचिन ने अपने चौकों, छक्कों, फ्लिक, कट और ड्राइव के जरिए ऑस्ट्रेलिया पर कोई दया नहीं दिखाई. 37 साल के सचिन उस बच्चे की तरह खेल रहे थे जो बस यही दुआ करता रहता है कि अंधेरा न हो ताकि वह और खेल पाए.
इसी अखबार के एक कॉलम में पीटर रोएबुक ने लिखा है, "तेंदुलकर अद्वितीय हैं. उनका हर शॉट सम्मोहक होता है. क्रिकेट को अहसास भी नहीं होगा कि वह सचिन जैसी अद्भुत प्रतिभा और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न को एक ही समय में पाकर कितना भाग्यशाली है."
द डेली टेलीग्राफ ने लिखा है कि सचिन एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने छह बार एक साल में एक हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और मैथ्यू हेडन और वेस्ट इंडीज के ब्रायन लारा ने ऐसा पांच-पांच बार किया है.
सिडनी टेबलॉयड ने भी सचिन को खास जगह दी है. उसने लिखा है, "सचिन की वापसी ने उनके और पोटिंग के बीच सबसे ज्यादा रनों की दौड़ में एक ऐसा अंतर पैदा कर दिया है जिसे भर पाना लगभग असंभव होगा."
द ऑस्ट्रेलियन ने अपने लंबे लेख में लिखा है: ईश्वर ही जानता है कि सचिन कब रुकेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य