उमर पर जूते फेंके जाने से खुश फारूक अब्दुल्ला
१६ अगस्त २०१०स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उमर जूता फेंके जाने पर जब रविवार को संसद भवन के बाहर केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "वह तो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और अन्य नामी गिरामी लोगों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है. यह तो बहुत अच्छी बात है."
श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकारी समारोह में एक संदिग्ध पुलिस हेड कांस्टेबल ने उमर अब्दुल्ला की तरफ जूता फेंका लेकिन वह उन्हें नहीं लगा. इस घटना के बाद चार अधिकारियों समेत 15 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.
उमर जूते का शिकार होने वालों में नया नाम है. देखा जाए तो इसकी शुरुआत 2008 में बगदाद में हुई, जब एक इराकी पत्रकार ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर जूता फेंका. पिछले दिनों ब्रिटेन में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पडा. इससे पहले चीनी प्रधानमंत्री वेन चियापाओ और भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम पर भी जूता फेंका जा चुका है.
अब तक ऐसे सभी मामलों की तरह उमर पर फेंका गया जूता भी निशाने पर नहीं लगा. इस मामले का अंत भी विरोध जताने वाले को पुलिस हिरासत में लिए जाने से हुआ. फारूक का कहना है कि रविवार की घटना दिखाती है कि सुरक्षा तंत्र "नाकारा" है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या रविवार की घटना यह दिखाती है कि राज्य में लोगों का मोहभंग हो गया है, तो उन्होंने कहा, "हमें मौजूदा हालात से लड़ना है. हम उससे भाग नहीं सकते हैं." उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया और कहा कि वह भारत से अलग होने की बातों का समर्थन नहीं करते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उभ