एएफडी का अपने नेतृत्व पर भरोसा कायम, फिर मिली जिम्मेदारी
२९ जून २०२४जर्मनी के पश्चिमी शहर एसेन में अल्टरनेटिव फॉर डॉएचलांड (एएफडी) के अधिवेशन में शनिवार को पार्टी सदस्यों ने फिर से क्रुपाला और वाइडेल के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. क्रुपाला को जहां 82.72 प्रतिशत मतों के साथ भारी समर्थन मिला, वहीं वाइडेल को भी 79.77 प्रतिशत मत हासिल हुए. यह दो साल पहले उन्हें मिले समर्थन से कहीं ज्यादा है. पार्टी के 600 प्रतिनिधियों ने उन्हें फिर से पार्टी की बागडोर सौंपी है.
अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में वाइडेल ने चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "प्यारी सरकार, आखिरकार यहां से दफा हो जाओ और नए चुनावों का रास्ता साफ करो." उन्होंने कहा कि एएफडी की घेराबंदी जरूरी नहीं है. उनका इशारा जर्मनी की मुख्यधारा की पार्टियों के इस इनकार की तरफ था कि वे एएफडी के साथ मिलकर काम नहीं करेंगी.
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लोकप्रिय होती एएफडी
उधर क्रुपाला ने कहा है कि एएफडी पार्टी अब 'पहले से कहीं ज्यादा मजबूत' हो गई है, क्योंकि दोनों नेताओं ने पार्टी के दो धड़ों के बीच 'सुलह' करा दी है.
एएफडी सम्मेलन को कवर करने पहुंचे डीडब्ल्यू के मुख्य राजनीतिक संवाददाता मिषाएल क्युफनर का कहना है, "एएफडी वही कर रही है जिसके लिए वह जानी जाती है. यानी प्रवासियों के खिलाफ कड़ा रुख. उसे यूरोपीय संसद के लिए हालिया चुनावों में अच्छी कामयाबी मिली. पार्टी के अलग-अलग धड़ों के बीच खींचतान की खबरों के बीच आलिस वाइडेल और टीनो क्रुपाला को फिर से नेता चुन लिया गया है. तो साफ तौर पर एएफडी उसी मुद्दे को भुनाना चाहेगी जिसके लिए वह जानी जाती है."
खासकर जर्मनी के पूर्वी राज्यों में एएफडी की लोकप्रियता बढ़ रही है. इस साल वहां तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि अगले साल जर्मनी में आम चुनाव होंगे. अभी संघीय स्तर पर एसपीडी के ओलाफ शॉल्त्स ग्रीन पार्टी और एफडीपी पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चला रहे हैं. लेकिन जनता के बीच उनकी लोकप्रियता तेजी से गिरी है. यूरोपीय संसद के चुनाव में एसपीडी को 14 प्रतिशत से भी कम वोट हासिल हुए जबकि एएफडी को 15.9 प्रतिशत मत मिले. सबसे ज्यादा 23.7 प्रतिशत वोटों के साथ सीडीयू पार्टी इन चुनावों में सबसे आगे रही.
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पार्टी सम्मेलन के बाहर विरोध
इससे पहले शनिवार को एएफडी पार्टी के सम्मेलन स्थल के पास पुलिस को प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह के नियंत्रित करने के लिए पेपर स्प्रे और लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. वे एक सुरक्षा घेरे में घुसने की कोशिश कर रहे थे. प्रदर्शनकारी एएफडी के प्रवासी विरोधी रुख के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं. यह अभी साफ नहीं है कि सुबह पौने छह बजे हुई पुलिस की कार्रवाई में कोई घायल हुआ है या नहीं. एएफडी के अधिवेशन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.
रिपोर्ट: एके/एसके (एएफपी, डीपीए)