एशियाड में शामिल कुछ अनजाने खेल
१० नवम्बर २०१०इन अजीबोगरीब खेलों में ड्रैगन बोट रेस, डांस स्पोर्ट और वू शू शामिल हैं. आयोजक उम्मीद कर रहे हैं कि धीरे धीरे इन खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल जाएगी. दक्षिणी चीन के गुआनजोहू में होने वाले एशियाड में कुल 42 खेलों की प्रतियोगिताएं होनी हैं. इनमें कबड्डी के रूप में खांटी भारतीय खेल भी है और क्रिकेट जैसा अंतरराष्ट्रीय खेल भी जिसके बारे में चीन के लोग बहुत कम जानते हैं. हालांकि क्रिकेट के मैचों की टिकटें खूब बिक रही हैं क्योंकि चीन की क्रिकेट टीम पहली बार इस स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है.
एशिया की ओलंपिक काउंसिल के महानिदेशक हुसैन अल मुसालम खेलों की इस विविधता को एशियाई संस्कृति से जोड़कर देखते हैं. वह कहते हैं, "एशिया दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है और इसमें बहुत सारी संस्कृतियां हैं. क्रिकेट और डांस स्पोर्ट ऐसी प्रतियोगिताएं हैं जिनके जरिए एशियाड खुद को ओलंपिक से अलग कर रहा है. उम्मीद है कि एक दिन ये वैसे ही लोकप्रिय होंगे जैसे ऐथलेटिक्स या तैराकी हैं."
वू शू जिसे मार्शल आर्ट्स भी कहा जाता है एक चीनी खेल है जिसने 1990 के बीजिंग एशियाड में पहली बार कदम रखा था. ड्रैगन बोट रेस भी एक पारंपरिक चीनी खेल है जिसे ज्यादातर दक्षिणी हिस्से में खेला जाता है. एशियाड में यह पहली बार शामिल हो रहा है. इसमें नावों को ड्रैगन की शक्ल में सजाया जाता है. इस नाव में एक ड्रम बजाने वाला होता है और 20 चप्पू चलाने वाले.
अल मुसालम कहते हैं, "ओलंपिक में हम सिर्फ ओलंपिक खेल ही खेलते हैं. अब हमारे पास 14 ऐसे खेल हैं जो ओलंपिक से अलग हैं. एशिया के लाखों युवा इन खेलों को खेल रहे हैं और अभ्यास कर रहे हैं. एशियाड के जरिए हम उन युवाओं को अपने देशों के लिए खेलने का मौका दे रहे हैं."
माना जा रहा है कि इस बार एशियाड में चीन का ही दबदबा रहेगा. लेकिन एक ऐसा खेल है जिसमें चीन है ही नहीं. कबड्डी में चीन की टीम हिस्सा नहीं ले रही है. चीन के खेल अधिकारी गोंग येमिन बताते हैं कि कबड्डी चीन में ज्यादा लोकप्रिय नहीं है. वह कहते हैं, "समस्या यह है कि हमारे यहां न इसकी संस्कृति है, न आदत. ना हमारे पास कोच हैं और ना सिखाने वाले."
एशियाई गेम्स 12 नवंबर से शुरू होकर 27 नवंबर तक चलेंगे. इनमें 45 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा