ओबामा के पहले भाषण से बीजेपी असंतुष्ट
६ नवम्बर २०१०बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "भारत में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले वाली जगह ताज होटल में अमेरिकी राष्ट्रपति का ये पहला भाषण था. ये बहुत दुख की बात है कि दुनिया और अमेरिका के पास इस बात का सबूत होने के बावजूद कि हमलों की योजना पाकिस्तान में बनी राष्ट्रपति ने इस बारे में कुछ नहीं कहा. उन्होंने जो कहा है और जो वो कर रहे हैं उसमें काफी फर्क है." बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि पाकिस्तान का नाम न लेकर राष्ट्रपति ओबामा ने भारतीय लोगों से जुड़ने का एक अच्छा मौका खो दिया.
बीजेपी के बड़े नेता रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर पर मिलेंगे जहां इस बात पर चर्चा होगी कि राष्ट्रपति से सुषमा स्वराज की मुलाकात में क्या कहा जाए. लोकसभा में विपक्ष की नेता की हैसियत से सुषमा स्वराज सोमवार को राष्ट्रपति ओबामा से मिलेंगी. रूडी का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो कहा है उसमें और विदेश सचिव निरुपमा राव के दिए बयानों में अंतरविरोध है. विदेश सचिव ने कहा था कि ओबामा भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों को मजबूत करने आ रहे हैं जबकि ये साफ हो गया है कि ओबामा के एजेंडे में कारोबार के अलावा कुछ नहीं. रूडी का ये भी कहना है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में अमेरिका को लेकर विदेश नीति कभी आगे तो कभी पीछे जाती रही है.
उधर मुंबई के फिल्म जगत ने ओबामा के भाषण को संतुलित करार दिया है. बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस ने कहा, "ओबामा ने ताज होटल में बेहद संवेदनशील और गरिमामय भाषण दिया है. मैं खुश हूं कि उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, ये इस मौके पर ठीक नहीं होता. इन सब कामों के लिए दूसरे बहुत मौके आएंगे." वैसे राहुल बोस ने भी माना कि अमेरिकी राष्ट्रपति केवल कारोबार बढ़ाने के लिए भारत आए हैं. राहुल ने साफ कहा, "मुंबई हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अच्छी बात है लेकिन निश्चित रूप से ये उनके दौरे का मकसद नहीं है."
उधर लंदन से शूटिंग करने के बाद आज ही मुंबई लौटी प्रीति जिंटा को भरोसा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत से प्यार हो जाएगा. प्रीति ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर लिखा है, "आज एयरपोर्ट पर ढेर सारे सुरक्षाकर्मी थे और यात्री बहुत कम. मैंने सुना है कि राष्ट्रपति ओबामा आज ही भारत आए हैं. मुझे यकीन है कि उन्हें भारत से प्यार हो जाएगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा