1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर, कैसे चला पता

२८ जून २०२१

जब भारत के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन खोलकर जीवन पटरी पर लाने की कोशिश हो रही है, तीसरी लहर को लेकर हो रहे दावे चिंता बढ़ा रहे हैं. बहुत से लोगों ने तो मास्क लगाना और कोरोना नियमों को मानना भी बंद कर दिया है.

https://p.dw.com/p/3vhQ2
Indien Corona-Pandemie in Uttar Pradesh
तस्वीर: Prabhat K. Verma/Zuma/imago images

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रोजाना होनेवाले संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है. अब भारत में रोज 50 हजार से भी कम कोरोना मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन इस बीच लोगों को कोरोना की तीसरी लहर का डर सता रहा है. खासकर डेल्टा प्लस वेरियंट के ज्यादा घातक होने और तेजी से लोगों को संक्रमित करने की रिपोर्ट से लोग डरे हुए हैं. तीसरी लहर को लेकर रोज आने वाले नए दावे भी चिंता बढ़ा रहे हैं. अब ज्यादातर भारतीय राज्यों में लॉकडाउन भी खोला जा रहा है और जीवन को पटरी पर लाने की कोशिश हो रही है. और लोगों ने मामले घटने के साथ ही एक बार फिर से सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाना बंद कर दिया है.

पिछले हफ्ते लोगों के इस व्यवहार पर चिंता जताते हुए एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, "जब तक जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को टीका न लग जाए, तब तक कड़ाई से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए." ऐसा न होने पर उन्होंने अगले 6 से 8 हफ्तों में कोरोना वायरस की तीसरी देशव्यापी लहर आने का डर भी जताया. भारत में तीसरी लहर को लेकर हर हफ्ते नए दावे किए जा रहे हैं लेकिन यह कब आएगी, कितनी खतरनाक होगी और इसकी वजह क्या होगी, यह दावे से नहीं कहा जा सकता.

कैसे लगाया गया अगली लहर का अनुमान?

आंध्र प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए बनाई गई सरकारी टीम में शामिल एक वायरोलॉजिस्ट ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर सामने आई अब तक की सारी जानकारी एक अनुमान भर है, जिसका अंदाजा गणितीय मॉडल के जरिए लगाया गया है." वैक्सीन और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने अगली लहर का अनुमान लगाने की तकनीक बताई.

Indien Gurgaon | Lockdown wg Coronavirus-Pandemie beendet
धीरे धीरे भारत में लॉकडाउन खुल रहा हैतस्वीर: Seerat Chabba/DW

उनके मुताबिक, "अगली लहर का अनुमान तीन बातों के आधार पर लगाया जाता है. पहली यह कि जिन्हें संक्रमण हो चुका है या वैक्सीन लग चुकी है, उनकी वायरस प्रतिरोधक क्षमता कितने दिनों में कम होगी और उन्हें फिर संक्रमण होने का डर होगा? दूसरी, वायरस के जो नए खतरनाक वेरियंट फैल रहे हैं, क्या वे पहले से मौजूद प्रतिरोधक क्षमता के बावजूद भी लोगों को संक्रमित करेंगे? और तीसरा, लॉकडाउन में जो छूट दी गई है और लोग जैसी लापरवाही कर रहे हैं, क्या इससे संक्रमण के नए अवसर पैदा होंगे?"

तीसरी लहर नहीं होगी खतरनाक

आंध्र प्रदेश की वायरोलॉजिस्ट ने कहा, "डेल्टा प्लस जैसे कोरोना वेरियंट निस्संदेह ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं और उन्हें भी संक्रमित कर सकते हैं, जिन्हें पहले संक्रमण हो चुका है या वैक्सीन लग चुकी है लेकिन ऐसा हुआ भी तो संक्रमित होने वालों की संख्या बहुत कम रहने का अनुमान है." हालांकि उन्होंने वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों, 18 साल से कम के बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के नए वेरियंट से संक्रमित होने का डर भी जताया. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)ने भी इस बात पर अपनी स्टडी में मुहर लगाई है.

Coronavirus Indien Ahmedabad | Menschen auf Gemüsemarkt
बाजार में होने वाली भीड़ से तीसरी लहर का डर तस्वीर: AMIT DAVE/REUTERS

'भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना' नाम की इस स्टडी को 'इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च' में प्रकाशित किया गया है. इसके मुताबिक भारत में कोरोना की एक बड़ी तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी. इस स्टडी में कहा गया है कि कम होती प्रतिरोधक क्षमता या बदला हुआ वेरियंट एक घातक तीसरी कोरोना लहर लाने में नाकाम रहेगा, जब तक पहले वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों की प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म न हो जाए.

राज्यों में आ सकती है नई लहर

सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया कहते हैं, "तीसरी लहर से पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन इसके नवंबर से पहले आने के आसार नहीं हैं. डेल्टा प्लस जैसे वेरियंट से भी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भले ही यह तेज फैलता हो लेकिन यह पहले ही भारत को प्रभावित कर चुके डेल्टा वेरियंट का ही म्यूटेशन है. यानी डेल्टा वेरियंट के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को इसके खिलाफ भी काम करना चाहिए." वे कहते हैं, "राष्ट्रीय स्तर पर आने वाली लहरों को लेकर बहुत बात होती है लेकिन यह एक मात्र चिंता की बात नहीं होती. राज्यों के स्तर पर भी कोरोना संक्रमण की लहरें आती हैं. जैसे भारत में जब देशव्यापी दूसरी लहर चल रही थी, दिल्ली में कोरोना संक्रमण की चौथी लहर थी. इसलिए ऐसा हो सकता है कि किसी राज्य में कम वैक्सीनेशन आदि के चलते मामले फिर बढ़ जाएं."

Indien West Bengal Corona Bekämpfung
तेजी से टीका लगाकर कोरोना का असर कम करने की कोशिशतस्वीर: Payel Samanta/DW

वैसे बात डेल्टा प्लस वेरियंट की बात करें तो आंध्र प्रदेश में इसका अब तक सिर्फ एक मामला सामने आया है और इससे संक्रमित व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं. साथ ही उसके संपर्क में आए लोगों की जांच करने पर सभी निगेटिव पाए गए हैं. जबकि ICMR अपनी स्टडी में कहता है कि संक्रमण की R वैल्यू 4.5 से ज्यादा होने पर ही कोई वायरस इतनी तेजी से फैल सकेगा कि किसी तीसरी लहर का डर रहे. यानी जब एक संक्रमित इंसान हर बार कम से कम 4.5 लोगों को संक्रमित करेगा तभी अन्य लहर का खतरा बनेगा. ऐसे में रिसर्चर यही मान रहे हैं कि अगर वैक्सीनेशन तेजी से होता रहा तो भारत को भविष्य में आने वाली कोरोना लहर से काफी हद तक सुरक्षा मिल जाएगी.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी