कर्ज की सीमा बढ़ाने पर बातचीत
११ अक्टूबर २०१३सरकार के कर्ज ना चुका पाने की स्थिति में रिपब्लिकनों ने सरकार के सामने कर्ज की सीमा अस्थायी तौर पर बढ़ा देने का प्रस्ताव रखा है. ओबामा ने कर्ज की रकम में बढ़ोत्तरी के रिपब्लिकन प्रस्ताव में दिलचस्पी दिखाई है.
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सीमा नहीं बढ़ाई जाती है तो इससे अमेरिका पर 17 अक्तूबर तक बकाया न चुका पाने का खतरा है. पिछले हफ्ते बजट पर डेमोक्रैट और रिपब्लिकन सांसदों के बीच सहमति ना बन पाने के कारण कामबंदी शुरू हुई थी. कई सरकारी विभाग तब से ठप्प पड़े हैं. कामबंदी के साथ ही संघीय सरकार के आठ लाख कर्मचारी बिना तनख्वाह छुट्टी पर भेज दिए गए, नेशनल पार्क, म्यूजियम सब बंद हो गए.
प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोएह्नर ने गुरुवार को ही इस प्रस्ताव की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि कर्ज की सीमा बढ़ाई जा सकती है, अगर सरकार अमेरिका में चल रही कामबंदी को लेकर समझौता करने को तैयार हो. प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद बोएह्नर ने कहा, "यही समय है नेतृत्व का."
सीमा ना बढ़ाए जाने की स्थिति में संघीय सरकार कर्ज चुकाने के लिए और कर्ज नहीं ले पाएगी, लेकिन राष्ट्रपति ओबामा इसके साथ कामबंदी के जरिए रिपब्लिकनों के राजनीतिक दबाव में आने के मूड में नहीं लग रहे.
आर्थिक चोट
अमेरिकी वित्त मंत्री जैक ल्यू ने चेतावनी दी है कि कर्ज की सीमा ना बढ़ने की स्थिति अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वापसी की दिशा में बेहद खतरनाक साबित होगी. ल्यू ने संसद की आर्थिक मामलों की समिति से कहा, "अगर कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में विफल होती है तो अमेरिकी बाजार, आर्थिक वापसी और करोड़ों अमेरिकियों की नौकरी को भारी खतरा हो सकता है."
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड ने कहा कर्ज की सीमा ना बढ़ने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बाहर भी इसके बुरे परिणाम देखे जाएंगे.
बातचीत से पहले डेमोक्रटिक पार्टी के प्रवक्ता पीटर वेल्श ने बताया था कि हालांकि ओबामा कर्ज की सीमा में ज्यादा दिनों की वृद्धि के पक्ष में थे लेकिन फिलहाल वह अस्थायी वृद्धि में सहमति जता सकते हैं. फिलहाल कर्ज की सीमा में वृद्धि सिर्फ अगले सात हफ्तों यानी 22 नवंबर तक लागू रहेगी.
रिपब्लिकनों ने असल खर्च के बिल में ओबामा की स्वास्थ्य योजना के प्रमुख प्रावधानों पर होने वाले खर्च पर असहमति जताई थी. सरकार और रिपब्लिकनों के बीच अब तक कोई समझौता नहीं हो पाया है, यह बातचीत अभी जारी रहेगी. सरकार और रिपब्लिकनों के बीच कोई हल ना निकल पाने के कारण कुछ बेहद अहम विभागों को छोड़ कर ज्यादातर सरकारी विभाग एक अक्टूबर से बंद हैं.
एसएफ/ एनआर (एपी,एएफपी)