'चरमपंथी वेबसाइट्स को रोकें'
२९ अक्टूबर २०१०ब्रिटेन ने अमेरिका से अपील की है कि आतंकियों की वेबसाइटों पर रोक लगा दें और युद्ध का आसरा लेने से पहले आतंकी हमलों को नाकाम करने के लिए ठोस कदम उठाए. ब्रिटेन की सुरक्षा मंत्री पॉलीन नेविले जोन्स ने कहा कि पाकिस्तान में अल कायदा के सरगना आश्चर्यजनक तरीके से पलटवार कर रहे हैं. उनके सहयोगी गुटों में पश्चिम पर हमला करने की इच्छा भी है और क्षमता भी.
नेविले जोन्स ने चिंता जताई कि ऐसी वेबसाइटों को जारी रखा जा रहा है जो चरमपंथी इस्तेमाल कर रहे हैं. जैसे कि पश्चिमी देशों के खिलाफ आवाज उठाने वाले अनवर अल अवलकी की वेबसाइट. "वो वेबसाइट जिनमें उसके आतंकी संदेश होते हैं उन पर निश्चित ही ब्रिटेन में रोक लगाई जाएगी और अगर वह ब्रिटेन से चलाई जा रही हैं तो उन्हें बंद करवा दिया जाएगा. नेविले ने कहा कि इस तरह की कई वेबसाइट्स अमेरिका में खुले आम चल रही हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के साथ इन्हें रोकने के लिए काम करना चाहता है."
राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार ने वेबसाइटों को जारी रखने की सफाई में कहा कि यह दो प्रतिद्वंद्वी पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है और साथ ही खुफिया एजेंसियों के लिए भी अहम सूत्र है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा, "इंटरनेट पर जारी गतिविधि अगर लोगों को नुकसान पहुंचाती है तो अमेरिकी सरकार के पास जरूरी कानून अधिकारी हैं जो लोगों को बचाने का काम करते हैं."
पिछले ही महीने इंटरपोल के महासचिव रोनाल्ड नोबल ने कहा था कि चरमपंथियों कि वेबसाइट्स तेजी से बढ़ रही हैं. 1998 में इनकी संख्या 12 थी और 2006 में साढ़े चार हजार.
ब्रिटिश रक्षा मंत्री नेविले जोन्स ने अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों की संख्या कम करने को सही ठहराया. "सैनिक भेजना (हार्ड पावर) मंहगा पड़ता है यह हमें तभी करना चाहिए जब सामान्य उपाय(सॉफ्ट पावर) विफल हो जाए. जो मांग हम अपने सैनिकों से कर रहे हैं, वहीं उनके परिवारों से भी कर रहे हैं. ये मांग है कि सैनिक लड़ाई में जाएं. हमें नहीं लगता कि यह लंबे समय तक चल सकता है. पिछले दशक में यह काफी हुआ है. यह सिर्फ विशेष स्थिति में ही किया जाना चाहिए जब और कोई रास्ता ही न बचा हो."
नेविले जोन्स का कहना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान की सीमा पर कबायली इलाकों में ड्रोन हमलों के कारण अल कायदा पर दबाव बढ़ा है. उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से पलटवार किया है. लगातार उस इलाके से खतरा बना हुआ है. यमन में अल कायदा के सहयोगी गुटों के बारे में उन्होंने कहा कि "उनका इरादा भी यही है और लक्ष्य भी हम पर हमला करने का ही है."
सोमालिया को उन्होंने एक और ताजा गंभीर मुद्दा बताया. नेविले जोन्स का कहना है कि हमें अब रक्षात्मक नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. नेविले जोन्स ने रॉयटर्स के साथ बातचीत में कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन साइबर ऑपरेशन के लिए समझौते का मसौदा बना रहा है ताकि साथ मिल कर मुख्य मूलभूत संरचना को बचाया जा सके.
रिपोर्टः रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः ओ सिंह