चीन को समझाता अमेरिका
१९ सितम्बर २०१२चीन की बढ़ती आर्थिक और सैनिक ताकत से चिंतित नजर आ रहे राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एशिया प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान देने की बात कही और अमेरिकी नौसेना अपने अधिक से अधिक जहाजों को इसी इलाके में तैनात करने की योजना बना रही है. ऐसे में चीन का सवाल उठाना लाजिमी है कि क्या अमेरिकी दिलचस्पी का मतलब चीन को चुनौती देना है.
चीन के दौरे पर आए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने बीजिंग में कहा, "एशिया प्रशांत क्षेत्र में संतुलन की दोबारा कोशिश का मतलब चीन को रोकना नहीं है. यह चीन को इसमें शामिल करने और प्रशांत क्षेत्र में उसकी भूमिका बढ़ाने की कोशिश है." चीन की सशस्त्र सेना के इंजीनियरिंग अकादमी के छात्रों को संबोधित करते हुए पनेटा ने कहा, "यह प्रशांत क्षेत्र की दो ताकतों के बीच रिश्तों का एक नया मॉडल बनाने की कोशिश है."
अमेरिकी रक्षा मंत्री का कहना है कि दुनिया की दो बड़ी आर्थिक और सैनिक ताकतों के बीच मजबूत संबंध इसलिए जरूरी हैं ताकि विवादों और संकटों को टाला जा सके. पनेटा ने कहा, "हमारा मकसद यह तय करना है कि दोनों देशों के बीच किसी गलतफहमी से कोई तनाव या संकट न पैदा हो."
पनेटा का बयान अमेरिका की उस कोशिश को पुष्ट करता है जो पिछले दिनों चीन की सेना से रिश्तों को मजबूत करता नजर आया. रक्षा मंत्री के रूप में पहली बार पनेटा चीन दौरे पर आए हैं. रक्षा मंत्री का तीन दिनों का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ द्वीपों पर विवाद गहरा रहा है. मंगलवार को चीन में कई जगहों पर जापान विरोधी प्रदर्शन हुए हैं. पनेटा ने दोनों पक्षों से शांत रहने को कहा है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री खुद को चीन की घरेलू राजनीति के बीच भी महसूस कर रहे हैं. वह पहले विदेशी मेहमान हैं जो उप राष्ट्रपति जी यिनपिंग से मिले. यिनपिंग राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं और दो हफ्ते तक लोगों की नजरों से दूर रहने के बाद पनेटा के साथ ही पहली बार नजर आए. उप राष्ट्रपति की सेहत और राजनीतिक भविष्य पर इस दौरान काफी चर्चा हुई लेकिन पनेटा के साथ वह तनावमुक्त और तंदुरुस्त नजर आए.
सेना के युवा अधिकारियों को दिए भाषण में पनेटा ने प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के महत्व पर बात की और इसमें साफ तौर पर इशारा उन क्षेत्रीय विवादों की तरफ था जो चीन के छोटे छोटे देशों के साथ चल रहे हैं. पनेटा ने दलील दी कि अमेरिकी नौसेना के समर्थन से अंतरराष्ट्रीय कानूनों ने इलाके में शांति और समृद्धि बहाल की है और चीन को इससे फायदा हुआ है.
हालांकी चीन और अमेरिका के बीच पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में आवाजाही के अधिकारों के लेकर ठनी हुई है. चीन आक्रामक तरीके से दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर पर अपना दावा करता है. पनेटा ने उम्मीद जताई है कि पूर्वी चीन सागर में चीन और जापान अपनी विवादों को सुलझा लेंगे. पनेटा ने जापान में अपने दूसरे सबसे ताकतवर रडार को मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ तैनात करने पर यह सफाई भी दी कि ऐसा उत्तर कोरिया के परमाणु मिसाइलों के मद्देनजर किया गया है और इनका चीन से कोई लेना देना नहीं है.
एनआर/एजेए (रॉयटर्स, डीपीए)