"छापों से पहले कलमाड़ी ने कहा, समेट लो"
२९ दिसम्बर २०१०आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कलमाड़ी ने अपने तहत काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 23 दिसंबर को एक सुर्कुलर भेजा जिसमें कहा गया कि वे अपने सारे काम को समेट कर रिकॉर्ड रूम को सभी दस्तावेज सौंप दें. यह कदम खेल मंत्रालय के निर्देशों के खिलाफ है जिसके तहत ओलंपिक कमेटी को अगले आदेश तक अपने स्थान पर बने रहना चाहिए. अभी महालेखा नियंत्रक (सीएजी) ओलंपिक कमेटी के खातों का ऑडिट कर रहा है.
ओलंपिक कमेटी में लगभग 34 विभिन्न विभाग हैं जिनके प्रमुखों को कलमाड़ी का सर्कुलर मिला. इनमें प्रशाशनिक, साज सज्जा, केटरिंग, समारोह, रहने की व्यवस्था, वित्त, हिसाब किताब और संचार समेत कई विभाग हैं. इनमें से ज्यादातर विभागों के प्रमुखों को ओलंपिक कमेटी ने प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट पर रखा हुआ है. इसलिए बहुत संभव है कि नौकरी छोड़ देने के बाद उन्हें भुला दिया जाता है.
सीबीआई ने कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 24 दिसंबर को नई दिल्ली और पुणे में कलमाड़ी के घरों पर छापे मारे. कलमाड़ी के अलावा पुणे में उनके निजी सचिव मनोज भूरे के घरों की भी तलाशी ली गई. सीबीआई ने कॉमनवेल्थ घोटाले को लेकर तीन मामले दर्ज किए हैं और कलमाड़ी के नजदीकी सहयोगी और ओलंपिक समिति के महासचिव ललित भनौत को एक स्विस कंपनी के साथ 107 करोड़ रुपये के समझौते के सिलसिले में हेराफेरी के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल