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१७ नवम्बर २०१०बर्लिन में एक प्रेस कांफ्रेंस में जर्मन गृहमंत्री थोमास दे मेजियेर ने कहा कि आतंकवाद के खतरे के सिलसिले में जर्मनी में एक नई स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों में संघीय पुलिस की ओर से चौकसी बढ़ा दी गई है. गृहमंत्री ने इस सिलसिले में कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया. उन्होंने कहा कि चिंता के कारण मौजूद हैं, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है.
यह पहला मौका है कि जर्मन गृहमंत्री ने सार्वजनिक रूप से आतंकवादी हमले की ठोस चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जर्मनी अपनी मजबूती दिखाएगा और दबाव में नहीं आएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि सुरक्षा अधिकारियों की ओर से हमले को रोकने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
जर्मन गृहमंत्री का कहना था कि सन 2009 के आरंभ से ही अमेरिका व जर्मनी सहित यूरोप के देशों में हमले की योजना के संकेत मिलते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिले थे. इस बीच स्थिति बदली हुई नजर आती है. इस सिलसिले में तीन नई बातें सामने आई हैं. पहली बात कि यमन से भेजे गए पैकेट बम के कांड के पीछे अरब प्रायद्वीप का अल कायदा नामक चरमपंथी संगठन है, जिसकी कार्रवाइयों से पता चलता है कि आतंकवादी नई रणनीति के साथ काम कर रहे हैं. इसके अलावा एक विदेशी साझेदार देश से हाल में चेतावनी मिली है कि नवंबर के अंत में एक हमले की योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा चरमपंथी इस्लामी हलकों में जर्मनी के संघीय अपराध निरोधक दफ्तर की खोजबीन से इस बात की पुष्टि हुई है कि वे जर्मनी में आतंकवादी हमलों की कोशिश कर रहे हैं. इन सभी संकेतों को जोड़कर सुरक्षा की स्थिति में बदलाव के निष्कर्ष तक पहुंचा गया है. खतरे की वर्तमान स्थिति की तुलना उन्होंने सन 2009 में जर्मन चुनाव से पहले की स्थिति के साथ की. उस समय भी सारे देश में चौकसी की स्थिति बढ़ा दी गई थी.
सप्ताहांत के दौरान जर्मनी की साप्ताहिक पत्रिका फोकस ने रिपोर्ट दी थी कि अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने जर्मन सरकार को चेतावनी दी है कि एक चार सदस्यीय आतंकवादी कमांडो जर्मनी के रास्ते पर है. इनमें से दो भारत और दो पाकिस्तान के नागरिक हैं और उन्हें मध्य एशिया के आतंकवादी शिविरों में प्रशिक्षण मिला है. अल कायदा के आदेश पर वे नवंबर में जर्मनी में आतंकवादी हमला करना चाहते हैं.
जर्मनी में आने वाले दिनों में क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो रही हैं. देश के सभी छोटे-बड़े शहरों में क्रिसमस बाजार लगेंगे, जहां दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है. इसके चलते एक ओर जहां सुरक्षा की समस्या बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर क्रिसमस के माहौल और उसमें लोगों की भागीदारी पर शंका और संदेह का साया मंडराने लगा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: महेश झा