जर्मनी में स्ट्रीट व्यू पर गूगल का रुख नरम
२० अगस्त २०१०गूगल ने कहा है कि जर्मनी के लोगों की चिंताओं को देखते हुए उसने अपनी समयसीमा 15 अगस्त से बढ़ा कर 15 अक्तूबर कर दिया है. इस दौरान जो लोग नहीं चाहते कि उनके घरों की तस्वीरें इंटरनेट पर सार्वजनिक हों, उन्हें ब्लर कर दिया जाएगा यानी उन्हें धुंधला कर दिया जाएगा ताकि वे दिखाई न दें.
गूगल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत देश भर में उसकी बड़ी बड़ी गाड़ियां घूमेंगी, जो गलियों की तस्वीरें लेंगी और इन तस्वीरों को इंटरनेट पर जारी कर दिया जाएगा. गूगल मैप पर इन तस्वीरों को देखा जा सकेगा. गूगल दुनिया के कई दूसरे देशों में भी ऐसा कर रहा है.
लेकिन जर्मनी में डाटा संरक्षण के संवेदनशील मामले को देखते हुए गूगल ने लोगों को इस बात का समय दिया है कि अगर वे नहीं चाहते हैं कि उनकी इमारतों की तस्वीरें गूगल स्ट्रीट के जरिए गूगल मैप पर जाएं, तो वे इन्हें मिटा सकते हैं. पहले गूगल ने इस काम के लिए लोगों को 15 सितंबर तक का वक्त दिया था लेकिन जर्मनी में कई जगह गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं और लोग घरों से बाहर हैं. ऐसे में उसने मीयाद बढ़ा कर 15 अक्तूबर कर दिया है.
इंटरनेट की सबसे बड़ी कंपनी अमेरिका के गूगल के यूरोपीय शाखा के प्रमुख फिलिप शिन्डलर ने अपने ब्लॉग में इस बात का एलान किया. उन्होंने कहा कि तस्वीरें ऑनलाइन होने के बाद भी उन्हें हटाने का अधिकार होगा.
गूगल इस साल के अंत तक जर्मनी में स्ट्रीट व्यू को लागू कर देना चाहता है. उसके बाद सिर्फ ऑनलाइन तस्वीरों को ही हटाया जा सकेगा. गूगल ने कहा है कि वह जर्मनी के लोगों के लिए खास तौर पर ज्यादा रियायत बरत रहा है.
जर्मनी में उपभोक्ता मामलों की मंत्री इलसे ऐगनर ने गूगल के इस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें समय बढ़ाने की बात कही गई है. गूगल ने कहा है कि वह हर अनुरोध को ईमेल से पाना चाहता है और इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई गलत तरीके से दूसरे के घरों को न हटाने की मांग कर दे. कंपनी ने साफ कर दिया है कि अगर किसी अपार्टमेंट में रहने वाला एक शख्स भी नहीं चाहता हो कि उसका घर दिखे, तो पूरे अपार्टमेंट को धुंधला यानी ब्लर कर दिया जाएगा.
ऐगनर ने कहा है कि उन्हें इस बात का भय है कि कोई कंपनी ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित न कर ले, जिससे तस्वीरों में दिख रहे लोगों के चित्र से उनकी पहचान हो जाए और फिर इसका गलत इस्तेमाल हो. उन्होंने बताया कि गूगल और दूसरी कंपनियां फेसियल डिटेक्शन सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे चेहरे को धुंधला कर दिया जाता है और बाकी की तस्वीर साफ रहती है. गूगल मैप पर जाकर गूगल स्ट्रीट में देखने से ऐसी छवि देखी जा सकती है.
लेकिन जर्मन मंत्री को चिंता इस बात की है कि अगर ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार हो गया, जिससे धुंधली तस्वीर साफ दिखने लगे तो फिर किसी का निजी डाटा सुरक्षित नहीं रह पाएगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एन रंजन