बागी विधायक अयोग्य करार, येदियुरप्पा की राह आसान
११ अक्टूबर २०१०दक्षिण भारत में पहली बार सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी की सरकार के लिए आज का दिन निर्णायक है. सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष के सी बपैय्या के फैसले पर ही टिकी हुईं थी. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने इन विधायकों को अयोग्य साबित करने की मांग की थी. हालांकि राज्यपाल एचएस भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष से विश्वासमत के पहले इन विधायकों की योग्यता पर फैसला नहीं करने को कहा था.
विधानसभा अध्यक्ष के जी बपैय्या ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज सुबह ही उन्होंने इसका एलान किया. बीजेपी के 11 और निर्दलीय 5 विधायकों को वोट देने से रोक दिया है. हालांकि इसके बावजूद येदियुरप्पा के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना मुश्किल काम होगा.
30 मई 2008 को सत्ता में आई बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार आज दूसरी बार विधानसभा में विश्वास मत का सामना करेगी. राज्य में खड़ा हुआ मौजूदा संकट 16 विधायकों के बगावत पर उतर आने से आया है. इन विधायकों ने सरकार के खिलाफ वोट करने का एलान कर दिया है.
इससे पहले 6 जून 2008 को येदियुरप्पा ने विश्वासमत का सामना किया था और विजयी हुए थे. लेकिन इस बार हालात जुदा हैं. 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 110 सीटें मिलीं और 224 सदस्यों वाली विधानसभा के बहुमत के लिए उसे तीन विधायकों की जरूरत थी. बीजेपी ने छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से अपनी सरकार बना ली. इससे पहले 2007 में भी येदियुरप्पा को विश्वासमत का सामना करना पड़ा था और सहयोगी पार्टी जेडीएस के समर्थन वापस लेने के कारण आठ दिन पुरानी उनकी सरकार गिर गई थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार