1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बेल्जियम में बुर्के पर पाबंदी पर अमल शुरू

२३ जुलाई २०११

बेल्जियम में शनिवार से बुर्का पहनने पर 137 यूरो का जुर्माना और सात दिन तक की कैद हो सकती है. फ्रांस के बाद बेल्जियम बुर्के पर पाबंदी लगाने वाला यूरोप का दूसरा देश है. दो महिलाओं ने इस कानून को अदालत में चुनौती दी है.

https://p.dw.com/p/122Fg
तस्वीर: AP

बेल्जियम के नए कानून के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे कपड़े पहनने की मनाही है जो चेहरे को ढकते हों. इस कानून को देश की संसद ने अप्रैल में आमसहमति से मंजूर किया. इसका उल्लंघन करने वालों को 137 यूरो यानी पौन नौ हजार रुपये का जुर्माना और सात दिन तक की कैद हो सकती है

बेल्जियम की मीडिया के मुताबिक बुर्का पहनने वाली दो महिलाओं ने इस कानून को देश की संवैधानिक अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है. इन महिलाओं के वकील इनेस वाउटर्स का कहना है, "हम इस कानून को धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे बुनियादी अधिकारियों में अनुचित हस्तक्षेप मानते हैं. यह कदम भेदभावपूर्ण है."

'बेकार की बहस'

इससे पहले फ्रांस ने 11 अप्रैल को बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाई. फ्रांस यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है. वहां सार्वजनिक तौर पर बार बार बुर्का पहनने वाली महिला पर 150 यूरो का जुर्माना हो सकता है और उसे खास कोर्स में भेजा जा सकता है.

यूरोपीय परिषद के मानवाधिकार आयुक्त थोमास हमारबर्ग ने बुर्का और नकाब पर पाबंदी की आलोचना की है. उनका कहना है कि इस तरह के कदमों से महिलाएं आजाद होने की बजाय अलग थलग होंगी. उनके मुताबिक, "असल में प्रतिबंध लगाने से यूरोप के मानवाधिकार मानदंड प्रभावित होंगे. इनमें खासकर किसी के निजी जीवन और निजी पहचान के लिए सम्मान का अधिकार प्रभावित होगा. जिस तरह से बहुत ही कम महिलाओं के पहनावे को एक समस्या के तौर पर पेश किया जा रहा है, वह पूर्वाग्रहों से प्रेरित है. इस बारे में बेकार का हौव्वा खड़ा करके बहस छेड़ी जा रही है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें