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"भारत और ब्रिटेन में 20,000 वीजा का करार"

२१ फ़रवरी २०११

भारत और यूरोपीय संघ में ऐसी डील की रिपोर्ट है, जिसके बाद हर साल 20,000 भारतीयों को ब्रिटेन का वीजा मिल सकेगा. बदले में भारत को संघ से चार अरब पाउंड का कारोबार करना होगा.

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ब्रिटेन के संडे टेलीग्राफ ने रिपोर्ट छापी है कि भले ही यूके में 25 लाख लोग बेरोजगार हों लेकिन भारत के साथ कारोबारी समझौते के मद्देनजर हर साल हजारों भारतीयों को ब्रिटेन का वीजा मिला करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त कारोबार में भारत की शर्त है कि 27 राष्ट्रों वाले यूरोपीय संघ में उसे हर साल 35,000 से 50,000 वीजा मिले.

Symbolbild Visum und Visa Warndatei
तस्वीर: picture-alliance/chromorange

सूत्रों के हवाले से छपी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत चाहता है कि ब्रिटेन उसे हर साल 15 से 20 हजार वीजा की गारंटी दे, जबकि जर्मनी सात हजार और फ्रांस तीन हजार वीजा की. वीजा सिर्फ दक्ष कामगारों को ही मिलेगा. इस डील के तहत चार अरब पाउंड के कारोबार का आधा ब्रिटेन के साथ हो सकता है.

रिपोर्ट का कहना है कि अगर यूरोपीय संघ इस प्रस्ताव को मान लेता है तो यह पहला मौका होगा जब ब्रिटेन में बाहर से आने वाले लोगों का फैसला लंदन नहीं बल्कि ब्रसेल्स से होगा. यूरोपीय संघ के अध्यक्ष खोसे मानुअल बारोसो को इस प्रस्ताव का सूत्रधार बताया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ब्रसेल्स आए थे, जहां उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार पर चर्चा की थी.

अगर सहमति बनी तो पहला मौका होगा जब ब्रिटेन किसी देश के लिए वीजा की निश्चित संख्या तय करेगा. वह यूरोपीय संघ के नए देशों की जगह भारतीय कामगारों को लेना चाहता है क्योंकि उनके साथ संघ के कड़े कानूनों का पालन नहीं करना होगा.

पिछले साल लगभग 30,000 भारतीय ब्रिटेन पहुंचे, जिनमें से 19,000 कंपनी में ट्रांसफर की वजह से वहां गए. इनकी संख्या प्रवासियों की सीमित संख्या में नहीं शामिल होती.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एमजी

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