भारत की स्थायी सदस्यता को अमेरिकी समर्थन से ब्राजील खुश
१० नवम्बर २०१०ब्राजील के विदेश मंत्री सेलसो अमोरिम ने पत्रकारों से कहा,"अमेरिका का भारत को समर्थन देना एक सकारात्मक कदम है और इससे पता चलता है कि विकासशील देशों के बारे में ओबामा खुले दिमाग से सोच रहे हैं लेकिन सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया केवल एक देश तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए."
अमोरिम में ब्राजील के निवर्तमान राष्ट्रपति लुइ इनेसियो लूला दा सिल्वा के साथ जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण कोरिया जाने के रास्ते में मोजाम्बिक में रुके थे. अमोरिम ने कहा," मुझे भारत के लिए बहुत खुशी है वो ब्राजील का भी अच्छा सहयोगी है." ब्राजील के विदेश मंत्री का कहना है कि भारत का नाम लेकर अमेरिका ने ये साबित कर दिया है कि वो अब विकासशील देशों को स्वीकार करने लगा है. इसस से दूसरे उभरते देशों के लिए भी दरवाजे खुल गए हैं जिनमें ब्राजील और अफ्रीकी देश शामिल हैं.
भारत यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में सही जगह मिलनी चाहिए.
फिलहाल सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में ब्रिटेन, अमेरिका, रूस, फ्रांस, और चीन ही स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हैं. स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार होता है. लंबे समय से दुनिया के बाकी देश सुरक्षा परिषद की सदस्यता में सुधार के लिए दबाव डाल रहे हैं. भारत, जर्मनी, ब्राजील, जापान और दक्षिण अफ्रीका नए स्थायी सदस्यों के रूप में शामिल होने वाले देश हो सकते हैं. इनकी उम्मीदवारी को दुनिया के अनेक देशों से समर्थन मिल रहा है.
हालांकि जानकार मानते हैं कि निकट भविष्य में सुरक्षा परिषद की सदस्यता में कोई सुधार होने के आसार बहुत कम हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य