मलबे में फंसे लोगों को बचाने में जुटा मोरक्को
११ सितम्बर २०२३62 साल की जाहरा बेनब्रिक के परिवार के 18 लोगों की जान गई है. वह रोते हुए कहती हैं, "सारे चले गए! मेरा दिल टूट गया, मेरा कोई सहारा नहीं." मराकेश से करीब 60 किलोमीटर दूर टाफेघाघटे गांव पूरी तरह मलबे में बदल गया है. यहां इक्का दुक्का मकान ही खड़े दिख रहे हैं. मोरक्को में भूकंपके बाद एटलस पर्वतमाला में बसे ज्यादातर गांवों का यही हाल है.
यहां मोरक्को की सेना और नागरिक बचाव दल के लोग मलबे में फंसे लोगों और शवों को निकालने में जुटे हैं. मरने वालों की संख्या का बढ़ना जारी है. इनके अलावा कम से कम 2,400 लोग घायल हैं जिनमें कई की हालत गंभीर है.
विदेशी सहायता
मोरक्को की सरकार का कहना है कि उसे चार देशों से सहायता हासिल हुई है जबकि कई और देशों ने मदद की इच्छा जताई है. मोरक्को के विदेश मंत्रालय के मुताबिक स्पेन, ब्रिटेन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के मदद प्रस्तावों को मोरक्को ने स्वीकार किया है. इन देशों से खोजी और बचाव टीमें मदद के लिए पहुंची हैं.
विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है कि राहत और बचाव के अभियान में ज्यादा देशों को इसलिए शामिल नहीं किया गया है क्योंकि "उनके बीच सामंजस्य की कमी नुकसानदेह हो सकती है." हालांकि उनका कहना है कि भविष्य में और देशों का सहयोग लिया जा सकता है.
मोरक्को के भूकंप में बढ़ सकती हैं मरने वालों की संख्या
रविवार शाम को कतर के अल-उदैद एयरबेस से राहत और बचाव का सामान लेकर एक विमान रवाना हुआ. स्पेन ने 86 बचावकर्मी और आठ खोजी कुत्ते मोरक्को भेजे हैं. मलबे में दबे लोगों को निकालना फिलहाल सबसे बड़ी प्राथमिकता है क्योंकि समय बीतने के साथ उन्हें बचा पाना मुश्किल होता जा रहा है. जगह जगह सड़कें मलबे के कारण जाम हो गई हैं इसलिए बचावकर्मियों को भी प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है.
स्पेन की रक्षा मंत्री मार्गरीटा रोबल्स ने सरकारी टीवी चैनल से कहा है, "हम वो सब भेजेंगे जिसकी जरूरत होगी क्योंकि हर कोई जानता है कि शुरुआती घंटे अहम होते हैं, खासतौर से उन लोगों के लिए जो मलबे में दबे हैं."
मदद के लिए निकले स्थानीय लोग
अधिकारियों ने 1,300 से ज्यादा लोगों की मौत केवल अल हाउज प्रांत में दर्ज की है. भूकंप का केंद्र इसी प्रांत में था. यहां फिलहाल स्कूल बंद कर दिए गए हैं. रविवार को मराकेश के अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग खून देने पहुंचे. मरीजों और दूसरे लोगों की मदद के लिए स्थानीय लोग भी सामने आ रहे हैं.
सरकार ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. अंतरराष्ट्रीय संस्था रेड क्रॉस का कहना है कि भूकंप के कारण हुए नुकसान की मरम्मत करने में सालों लगेंगे. मोरक्को के इतिहास में यह भूकंप 1960 के बाद सबसे बड़ा है. तब अडागिर में आए भूकंप ने 12,000 से ज्यादा लोगों की जान ली थी.
एनआर/एए (एएफपी, डीपीए)