मिस्र पर सख्त है यूरोप
२१ अगस्त २०१३यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक में ईयू की विदेशनीति प्रमुख कैथरीन ऐश्टन ने एक राजनीतिक रोडमैप तय करने की मांग की है जो मिस्र को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में वापस ला सके. संकेत हैं कि यूरोप मिस्र में जारी हिंसा की निंदा करेगा, लेकिन सरकार की आलोचना करने के बावजूद उसके खिलाफ प्रतिबंध नहीं लगाएगा.
मिस्र के राजनीतिक संकट के बीच हिंसा में 900 लोगों की मौत के बाद यह बैठक बुलाई गई है और इसमें गर्मी की छुट्टियों के बावजूद सभी 28 सदस्य देशों के विदेश मंत्री भाग ले रहे हैं. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा है कि यूरोप मिस्र को कड़ा संदेश देगा लेकिन साथ यथार्थवादी उम्मीदों की मांग की है.
यूरोप के विकल्प
यूरोपीय मंत्री संघ की विदेशनीति प्रतिनिधि कैथरीन ऐशटन द्वारा पेश किए जाने वाले विकल्पों पर विचार करेंगे. वे मिस्र के संकट में शामिल सभी पक्षों के साथ संपर्क में हैं और पिछले महीने गोपनीय जगह पर कैद पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी से मिलने वाली पहली विदेशी नेता हैं. बैठक से पहले ऐशटन ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने मिस्र सरकार से कहा है कि वे राजनीतिक समाधान कराने के लिए फिर से काहिरा जाने को तैयार हैं.
जिन विकल्पों पर यूरोपीय विदेश मंत्री चर्चा करेंगे उनमें राजनीतिक समाधान होने तक यूरोपीय संघ के व्यापक मदद के एक हिस्से को रोकना या हथियारों की बिक्री और रक्षा सहयोग रोकना शामिल है. जर्मनी और इटली जैसे देशों ने पहले ही हथियारों की आपूर्ति रोक दी है, जबकि डेनमार्क ने सरकारी या सार्वजनिक संस्थानों के साथ चलने वाले विकास परियोजनाओं को वित्तीय मदद देना रोक दिया है.
डच विदेश मंत्री फ्रांस टिम्मरमंस ने साथी विदेश मंत्रियों को अधिक लोकतंत्र के लिए अधिक मदद के सिद्धांत पर अडिग रहने की मांग की है और कहा कि इस मामले में इसका मतलब कम के लिए कम होगा. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों और विपक्ष के साथ संपर्क बना रहना चाहिए ताकि संघ पर्याप्त असर डाल सके. दांव पर पांच अरब यूरो के कर्ज और मदद हैं, जिसका 2012-13 में आश्वासन दिया गया है.
इसमें एक अरब यूरो यूरोपीय संघ को देना है जबकि बाकी यूरोपीय इनवेस्टमेंट बैंक और यूरोपीय विकास बैंक को देना है. लेकिन चूंकि यूरोपीय संघ की मदद को 2011 में होस्नी मुबारक के तख्तापलट के बाद राजनीतिक और कानूनी विकास के साथ जोड़ दिया गया है, प्रगति न होने की वजह से 2012 से कोई मदद मंजूर नहीं की गई है.
मध्यस्थता की कोशिश
यूरोपीय संघ के वरिष्ठ राजनयिक निजी तौर पर मदद में कटौती के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं जो मुख्य रूप से गरीबी कम करने और मानवाधिकारों को बेहतर बनाने के लिए काम करने वाले दलों को दिया जा रहा है. मिस्र के लिए यूरोपीय संघ के विशेष दूत बैर्नार्डीनो लियोन ने इस हफ्ते कहा, "हम मौजूदा स्थिति पर प्रतिक्रिया करेंगे, लेकिन हम राजनीतिक हल को बढ़ावा देने की कोशिश में रचनात्मक किरदार बने रहेंगे."
उधर मिस्र पुलिस ने बुधवार को दो प्रमुख इस्लामी नेताओं को गिरफ्तार किया. सरकारी टेलीविजन ने एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा है कि प्रमुख मौलवी सफवत हेगाजी को लीबिया की सीमा पर देश के पश्चिमी शहर मेर्सा मतरूह में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के समय हेगाजी ने बुरका पहन रखा था.
मुर्सी की मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी के प्रवक्ता मुराद अली को काहिरा के हवाई अड्डे पर इटली जाते समय गिरफ्तार किया गया. अली का नाम उन लोगों की सूची में था जिन पर हाल की हिंसा में भागीदारी के लिए देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है. एक दिन पहले पुलिस ने ब्रदरहुड के प्रमुख मुहम्मद बादी को भी गिरफ्तार कर लिया था.
ब्रदरहुड ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि पुलिस पूरे देश में पार्टी नेताओं के ठिकानों पर छापे मार रही है और उन्हें गिरफ्तार कर रही है. अधिकारियों ने देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति को हटाए जाने के बाद ब्रदरहुड के सैकड़ों नेताओं और मुर्सी का समर्थन करने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया है.
एमजे/एजेए (एएफपी, डीपीए)