यूएन करेगा जहरीली गैसों की जांच
२६ अगस्त २०१३सीरिया ने दमिश्क में हुए रासायनिक हमले के आरोपों की जांच की इजाजत दे दी है. सीरिया में मौजूद संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ आज से ही जांच शुरू कर रहे हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने दक्षिण कोरिया के दौरे पर कहा है, "हर घंटे की कीमत है, हम और कोई देरी बर्दाश्त नहीं कर सकते." पश्चिमी देशों में इस पर संदेह जताया जा रहा है कि बुधवार को हुई घटना के सबूत अब इकट्ठा किए जा सकते हैं. बान ने विश्व संस्था के विशेषज्ञों के लिए बेरोकटोक अनुमति की मांग की और कहा, "दुनिया सीरिया की ओर देख रही है. जो मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध दिख रहा है, उसके लिए जिम्मेदार लोगों को बिना सजा के नहीं छोड़ा जाना चाहिए." बान ने कहा कि रासायमिक हथियारों का इस्तेमाल, चाहे किसी ने और किसी भी हालत मे किया हो, अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है.
सीरिया के विद्रोहियों ने आरोप लगाया है कि सीरियाई नेतृत्व ने जहरीली गैस का इस्तेमाल कर 1300 से ज्यादा लोगों को मार दिया है. सरकार अपनी जिम्मेदारी से इंकार कर रही है. रविवार को उसने आरोपों की जांच संयुक्त राष्ट्र से कराने की अनुमति दे दी. जांच टीम का नेतृत्व स्वीडन के आके सेलस्ट्रोएम कर रहे हैं. यह टीम रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के दूसरे मामलों की जींच के लिए पहले से ही सीरिया में है.
सैनिक हस्तक्षेप का संकेत
ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग ने चिंता जताई है कि सबूतों को पहले ही नष्ट किया जा चुका हो सकता है. उन्होंने लंदन में कहा कि इलाके में हुई गोलीबारी के बाद संभवतः जहरीली गैस के इस्तेमाल के सबूत नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा, "हमें संयुक्त राष्ट्र की टीम को मिलने वाले नतीजे के प्रति यथार्थवादी होना चाहिए." हेग ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी के अभी ही काफी सारे सबूत हैं. ब्रिटेन की सरकार के अनुसार जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को इस बात में कम ही संदेह है कि गैस हमला सरकार द्वारा किया गया है. जर्मनी में विकास सहायता मंत्री डिर्क नीबेल ने सीरिया में जर्मन सेना की तैनाती से इंकार किया है.
मैर्केल और कैमरन के अलावा रविवार को दूसरे राजनेताओं ने भी सीरिया में हुए रासायनिर हमलों पर टेलिफोन पर बातचीत की. अमेरिकी सरकार ने इन अफवाहों को ठुकरा दिया कि अमेरिका और ब्रिटेन सीरिया में सैनिक हस्तक्षेप करने वाले हैं. अमेरिका ने सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की जांच की अनुमति दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह फैसला इतनी देर से हुआ है कि भरोसेमंद नहीं हो सकता. इसे अमेरिका के सैनिक हस्तक्षेप का संकेत माना जा रहा है.
रिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को समर्थन दे रही रूस की सरकार ने सीरिया में अमेरिका के सैनिक हस्तक्षेप की घोषणा पर चिंता जताई है और पश्चिमी देशों को त्रासद गलती के खिलाफ चेतावनी दी है. रूसी विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि मॉस्को ने अमेरिका से उकसावों से भी बचने को कहा है. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मंत्री ने इस पर जोर दिया कि हाल के दिनों में सीरिया में हस्तक्षेप करने की तैयारी की वॉशिंगटन से हुई औपचारिक घोषणा पर मॉस्को में गहरी चिंता है."
एमजे/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)