राजा के सहयोगी बाचा की रहस्यमयी मौत
१७ मार्च २०११बाचा की पत्नी का कहना है कि उनके पति 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान डाले जा रहे दबाव को सहन नहीं कर पा रहे थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बुधवार रात बताया कि बाचा ने एक सुइसाइड नोट भी छोड़ा है जिसके मुताबिक वह अपने परिसरों पर सीबीआई के छापों और मीडिया में उनकी कवरेज पर बहुत शर्मिंदा थे. सीबीआई ने उनके दफ्तरों और घरों पर छापे मारे और दो महीनों में कम से कम चार बार उनसे पूछताछ की गई. बाचा ने राजा को एक अच्छा इंसान भी बताया है.
जैसे ही बाचा की मौत की खबर फैली तो तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके के विरोधियों ने इनमें किसी का हाथ होने का शक जताना शुरू कर दिया. कहा जा रहा है कि बाचा को इस लिए खामोश कर दिया गया क्योंकि वह बहुत कुछ जानते थे. 47 वर्षीय बाचा ग्रीनहाउस प्रोमोटर्स कंपनी के एमडी थे. प्रवर्तन निदेशालय स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के तहत इस कंपनी की भी छानबीन कर रहा है. बाचा दक्षिणी चेन्न्नई में अपने घर की छत से लटके पाए गए. उनकी पत्नी और ड्राइवर ने स्थानीय समय के अनुसार दोपहर एक बजे उन्हें देखा. अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
बच्चों की परवरिश की फ्रिक
चेन्नई के पुलिस कमिश्नर टी राजेंद्रन ने बताया, "1.20 बजे सादिक बाचा को अपोलो अस्पताल में लाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी पहले ही मौत हो चुकी है. परिवार का कहना है कि उन्होंने खुद को फांसी पर लटकाया है." बाद में उनके शव को सरकारी रोयापेट्टा अस्पताल में ले जाया गया. राजेंद्रन ने इन सवालों का जबाव देने से इनकार किया कि क्या यह हत्या का मामला हो सकता है. पोस्टमॉर्टम गुरुवार को किया जाएगा. हत्या के बारे में पूछे जाने पर पुलिस कमिश्नर ने कहा, "मैं इस बारे में कोई अटकलबाजी नहीं लगाना चाहता." पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू हो गई है.
लंबे से सुइसाइड नोट में कहा गया है कि बाचा की मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है और वह खुद दोबारा जन्म लेना चाहते हैं. बाचा ने अपनी पत्नी भानु से यह भी कहा है कि वह चेन्नई में ही रहे और दोनों बच्चों की शिक्षा और परवरिश करे. बाचा को सीबीआई पूछताछ के लिए बुधवार को विमान से दिल्ली जाना था.
जांच पर असर नहीं
सीबीआई ने कहा है कि बाचा की मौत से घोटाले की जांच पर कोई असर नहीं होगा. लेकिन सीबीआई सूत्रों का कहना है कि बाचा से बुधवार या गुरुवार को कोई किसी तरह की जांच की योजना नहीं थी. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, "बाचा पर सीबीआई की तरफ से कोई दबाव नहीं था. वह सीबीआई से सहयोग कर रहे थे. यह घटना अचानक घटी है, लेकिन इससे मामले की जांच पर कोई असर नहीं होगा. सभी सबूत पहले ही रिकॉर्ड कर लिए गए हैं."
सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि बाचा इस मामले में एक संदिग्ध थे और वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे थे. ऐसे भी संकेत थे कि वह मुकदमे के दौरान सरकारी गवाह बन सकते थे. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को अदालत तक ले जाने वाले जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि वह बाचा की मौत से हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को देखा है, जो हमने दायर की हैं और जिनसे पूरा राजधानी हिल रही है. तो ऐसा तो होना ही था. कुछ हत्याएं और आत्महत्याएं हो सकती हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार