विकीलीक्स पर अब इस्राएल की बारी
२४ दिसम्बर २०१०अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में असांज ने बताया कि ये संदेश सैकड़ों की तादाद में हैं. उन्होंने कहा, "2006 में इस्राएल और लेबनान के बीच हुए जंग से जुड़े ये दस्तावेज संवेदनशील और गोपनीय हैं. कुछ दस्तावेज दुबई में हमास के सदस्य महमूद अल माबूह के कत्ल से भी जुड़े हैं."
असांज ने बताया कि विकीलीक्स के पास इस्राएल से संबंधित 3,700 दस्तावेज हैं. इनमें से 2,700 इस्राएल से ही भेजे गए. उन्होंने साफ किया कि उनका इस्राएल के साथ इन दस्तावेजों को प्रकाशित न करने के बारे में कोई समझौता नहीं हुआ है. अल जजीरा की वेबसाइट ने असांज का बयान प्रकाशित किया है. इसमें असांज ने कहा है, "हमारा किसी देश के साथ कोई गुप्त समझौता नहीं हुआ है. इस्राएलियों के साथ हमारा सीधा या किसी और जरिए से कोई संपर्क नहीं है."
असांज ने बताया कि अब तक इस्राएल से जुड़े जो दस्तावेज प्रकाशित किए गए हैं वे तो उपलब्ध दस्तावेजों का दो फीसदी भी नहीं हैं.
तुर्की जैसे इस्राएल के कुछ पड़ोसी देशों ने इल्जाम लगाया था कि विकीलीक्स जान बूझकर इस्राएल से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित नहीं कर रही है.
2006 में इस्राएल और लेबनान के शिया संगठन हिजबोल्लाह के बीच एक महीने तक लड़ाई चली जिसमें लेबनान के 1200 से ज्यादा लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर आम नागरिक थे. इस्राएल के कुल 160 लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर सैनिक थे.
20 जनवरी को हमास के आतंकवादी महमूद अल माबूह को दुबई में कत्ल कर दिया गया. दुबई के पुलिस प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दाही खालफान ने इस कत्ल का संबंध इस्राएल की खुफिया एजेंसी मोसाद से होने की बात कही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल