विकीलीक्स पर अमेरिका से नाराज पुतिन
२ दिसम्बर २०१०विकीलीक्स पर करीब ढाई लाख गोपनीय कूटनीतिक संदेशों को जारी किया गया है. रूस के बारे में अमेरिकी दूत ने लिखा कि वहां लोकतंत्र खत्म हो रहा है. रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने एक संदेश में कथित रूप से कहा कि कुछ खास लोग रूसी सरकार को चला रहे हैं और इसमें सुरक्षा एजेंसियों का दबदबा है. लेकिन रूसी प्रधानमंत्री व्लादीमीर पुतिन को ये बातें नागवार गुजरी हैं.
सीएनएन के लैरी किंग लाइव शो में पुतिन कहते हैं कि रॉबर्ट गेट्स को सही बात नहीं बताई गई है. रॉबर्ट गेट्स ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है उसे बेहद कठोर बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा कि कई अमेरिकी राष्ट्रपति ऐसे हैं जो इलैक्टोरल कॉलेज सिस्टम के जरिए चुने गए जबकि उन्हें बहुमत नहीं हासिल हुआ था लेकिन रूस ऐसे मुद्दों को नहीं उठाता. पुतिन ने कहा, "जब हम अपने दोस्त अमेरिका से चुनाव में इलैक्टोरल कॉलेज सिस्टम की बात उठाते हैं तो अमेरिका कहता है कि हमारे मामले में दखलअंदाजी मत करो."
पुतिन ने कहा कि इसी तरह वह भी अमेरिका से कहना चाहते हैं कि उन्हें यह सवाल नहीं उठाना चाहिए कि रूसी जनता किसे चुनती है. दिमित्री मेदवेदेव के साथ उनके रिश्तों पर हुई टिप्पणी भी पुतिन को नाराज कर गई है. पुतिन का कहना है कि यह बेइज्जत करने का प्रयास है और उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी.
पुतिन ने यह भी साफ कर दिया कि मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली पर रूस के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जाता तो फिर रूस नए परमाणु हथियारों का विकास करेगा और फिर उन्हें तैनात भी किया जाएगा. रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी मंगलवार को जनता के नाम अपने संबोधन में इस बात के संकेत दे दिए.
सीएनएन ने पुतिन के इंटरव्यू के जो हिस्से जारी किए हैं उनके मुताबिक पुतिन ने कहा, "हमने अभी एक प्रस्ताव सामने रखा है जिसमें सुरक्षा के मुद्दे पर जिम्मेदारियों को साझा करने की बात समझाई गई है. लेकिन अगर हमारे इन प्रस्तावों पर विचार नहीं होता या उन्हें नहीं माना जाता तो फिर रूस अपनी सुरक्षा को दूसरे तरीकों से मजबूत करेगा. रूस को नई परमाणु मिसाइल तकनीक पर भी विचार करना पड़ेगा." हालांकि पुतिन ने यह भी कहा कि रूस ऐसी स्थिति से बचना चाहता है.
एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार