विश्व आर्थिक फोरम: ट्रंप और ग्रेटा थुनबर्ग आमने-सामने
२१ जनवरी २०२०पर्यावरण चुनौतियों के बीच हो रहे इस सम्मेलन में ट्रंप ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चिंताओं को 'निराशावाद' कह कर खारिज किया है. स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में होने वाले इस साल के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग सबसे अहम मुद्दों में शामिल हैं. हालांकि दुनिया के बढ़ते तापमान को कैसे रोका जाए, इस बारे में पर्यावरण कार्यकर्ताओं और सरकारों के बीच लगातार मतभेद बने हुए हैं.
स्वीडन की युवा एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग ने विश्व के प्रमुख उद्यमियों की जलवायु परिवर्तन को रोकने की दिशा में कुछ ना करने के लिए आलोचना की है. 17 वर्षीया थुनबर्ग ने कहा कि इसके लिए बहुत कुछ ज्यादा करने की जरूरत है. फोरम में भाग ले रहे दूसरे युवा एक्टिविस्टों ने कहा है कि राजनीतिक बदलाव के प्रयासों में युवा पीढ़ी को सक्रिय रूप से शामिल करना होगा.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्र्पति ने कहा कि 'डर और संदेह' ठीक नहीं हैं. उत्सर्जन को लेकर चिंताओं के बावजूद उन्होंने अमेरिका की इस बात के लिए तारीफ की कि वह दुनिया में प्राकृतिक गैसों का सबसे बड़ा उत्पादक है. भाषण से पहले जब पत्रकारों ने उनसे जलवायु परिवर्तन पर उनकी राय पूछी तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "मैं पर्यावरण में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं. पर्यावरण मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है."
ट्रंप का भाषण ज्यादातर अपनी सरकार की उपलब्धियों से ही भरा हुआ था. उन्होंने कहा, "किसी देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने नागरिकों के बारे में होती है. अपने नागरिकों को सबसे आगे रख कर ही सरकारें अपने राष्ट्रीय भविष्य में निवेश कर सकती हैं."
ट्रंप के भाषण के बाद ग्रेटा थुनबर्ग ने विश्व नेताओं और बड़े उद्योगपतियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "आपकी पीढ़ी के विपरीत, मेरी पीढ़ी बिना लड़े हार नहीं मानेगी. सच्चाई सबके सामने हैं लेकिन अब भी वे इस समस्या पर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं." उन्होंने कहा, "हमारे घर जल रहे हैं. आपके कदम ना उठाने की वजह से आग की लपटें हर घंटे भड़क रही हैं, और हम आपसे कदम उठाने को कह रहे हैं."
ट्रंप के भाषण से पहले एक परिचर्चा में थुनबर्ग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए उदारवादी कदम पर्याप्त नहीं होंगे. उन्होंने कहा, "हम सब पर्यावरण और जलवायु के लिए लड़ रहे हैं. अगर आप एक ज्यादा बड़े नजरिए से इसे देखें तो असल में कुछ किया ही नहीं गया है. बहुत ज्यादा कदम उठाने होंगे. यह तो सिर्फ शुरुआत है."
कम से कम 50 देशों के राष्ट्र और सरकार प्रमुख विश्व आर्थिक फोरम में हिस्सा लेंगे. गुरुवार को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल वहां जाएंगी. दुनिया भर से कुल तीन हजार लोगों के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है.
एके/एनआर (एपी, रॉयटर्स)
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