सुरेश कलमाड़ी बर्खास्त
२४ जनवरी २०११माकन ने भारत के एक निजी समाचार चैनल को बताया कि ऑडिर जनरल की सिफारिश के बाद कलमाड़ी और भनोट को हटाया गया है. कलमाड़ी से कहा गया है कि वह अपनी जिम्मेदारी फौरन ओलंपिक समिति के सीईओ जरनैल सिंह को सौंप दें.
कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार की खबरों के बाद इसकी सीबीआई जांच हो रही है और लंबे समय से कयास लगाया जा रहा था कि जांच की अड़चनें खत्म करने के लिए कलमाड़ी को हटाया जाना जरूरी है. सीबीआई पहले भी कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर से कह चुकी है कि कलमाड़ी और भनोट के पद पर रहते हुए कॉमनवेल्थ खेलों की जांच मुमकिन नहीं है और इसलिए उन्हें जल्द से जल्द हटा दिया जाए.
पिछले हफ्ते ही कैबिनेट के फेरबदल में खेल मंत्रालय एमएस गिल की जगह युवा और तेज तर्रार कांग्रेस नेता अजय माकन को सौंपा गया. माकन ने खेल मंत्री के तौर पर पहला बड़ा कदम अपनी ही पार्टी के कलमाड़ी को बर्खास्त करके उठाया है.
समझा जाता है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में कई नए केस दर्ज किए जाने के हैं. जांच अधिकारी कह चुके हैं कि इस सिलसिले में भारतीय ओलंपिक समिति मुख्यालय से मिल रही जानकारी अपर्याप्त थीं. सीबीआई का कहना है कि चेयरमैन और महासचिव के पद पर रहते हुए वहां से पूरी सूचनाएं मिलने की उम्मीद वैसे भी नहीं की जा सकती थीं.
सीबीआई ने कॉमनवेल्थ से जुड़े मामलों में तीन एफआईआर दर्ज की हैं और इसके अलावा भनोट के अलावा भारतीय ओलंपिक समिति के महानिदेशक वीके वर्मा के घरों पर छापे मारे हैं. इसके बाद कलमाड़ी के घरों पर भी छापे मारे गए. और बताया जाता है कि अधिकारियों ने यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं.
भारत में 3 से 14 अक्तूबर तक कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन हुआ. खेल के नजरिए से यह एक शानदार आयोजन रहा लेकिन इसकी तैयारियों में बड़ी धांधलियों की खबरें आती रहीं. इसके लिए सीधे तौर पर कॉमनवेल्थ खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को निशाना बनाया गया. खेल खत्म होने के तुरंत बाद भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसकी जांत के लिए शुमलू समिति का गठन किया. जिसे तीन महीने के अंदर जांच रिपोर्ट देनी थी. हालांकि तीन महीने पूरे हो चुके हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए जमाल