स्वीटी ने पकड़े 'बाल यौन पर्यटक'
५ नवम्बर २०१३नीदरलैंड्स के संगठन टेरे डेस होमेस ने ऐसे लोगों की जानकारी पुलिस को दी है, जो विकासशील देशों के बच्चों को ऑनलाइन सेक्स के एवज में पैसे देना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने कंप्यूटर पर एक 10 साल की लड़की को विकसित किया और बच्चों का यौन शोषण करने वालों तक पहुंच गए. संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक यह ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है.
संगठन के प्रमुख एल्बर्ट याप फान सांटब्रिंक ने बताया, "ये लोग वेबकैम के सामने उत्तेजक गतिविधियों के लिए कीमत चुकाने को तैयार थे."
उन्होंने कहा उनकी कोशिश है बाल यौन शोषण के इस नए रूप को दुनिया के सामने लाना. इसके ज्यादातर शिकार बच्चे हजारों की तादाद में तो फिलीपींस में ही हैं. इसे वेबकैम बाल यौन पर्यटन नाम दिया गया है.
एम्सटर्डम में इस संगठन ने ऑनलाइन तैयार किए गए इस लड़की के चरित्र को स्वीटी नाम दिया. इसको चैटरूम में स्थापित करने के 10 हफ्तों के भीतर ही 71 देशों के करीब 20000 लोगों ने स्वीटी को संपर्क किया और उससे वेबकैम के सामने उत्तेजक हरकतों की मांग की. ऐसी ही एक चैट में स्वीटी से अमेरिका के अटलांटा शहर के एक आदमी ने दस डॉलर के बदले कपड़े उतारने को कहा. संगठन ने बताया कि यह आदमी 35 साल का है और इसकी दो बेटियां भी हैं.
जिस समय ये लोग स्वीटी से ऑनलाइन बात कर रहे थे उस समय रिसर्चरों ने सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों की पहचान इकट्ठा की. इसके बाद इन लोगों की जानकारी पुलिस को सौंप दी गई.
बड़ी समस्या
इस मुहिम को चला रहे हांस गायट कहते हैं, "सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुलिस इन लोगों के खिलाफ तब तक कोई कदम नहीं उठाती जब तक बच्चे इनके खिलाफ शिकायत ना करें. और बच्चे आमतौर पर शिकायत नहीं करते हैं. लेकिन ठीक है, हम वकील नहीं है, हम जज भी नहीं हैं, ये उन लोगों को तय करना है कि हमने उन्हें जो जानकारी मुहैया कराई है इसका वे क्या करते हैं."
सांटब्रिंक ने बताया इस तरह की चैट में शामिल होने वाले ज्यादातर पुरुष किसी के पिता, संगीतकार या वास्तुकार जैसे पढ़े लिखे लोग हैं. गायट के अनुसार ये लोग दुनिया के हर कोने से हैं, अमेरिका और यूरोप के अलावा भारत, जापान और कोरिया के भी काफी लोग हैं.
कड़वी सच्चाई
इस शोध में लगे हुए रिसर्चरों को सच्चाई का पता चला तो वे दंग रह गए. गायट ने बताया, "अपने आप को एक 10 साल की बच्ची की जगह रख कर जब आप यह सोचते हैं कि लोग आपसे किस किस चीज की मांग कर रहे हैं, तो धक्का लगता है. उनकी कुछ मांगें तो बहुत ही अश्लील थीं."
संगठन ने इस रिसर्च के दौरान किसी को खुद चैट के लिए आमंत्रित नहीं किया. बल्कि इस बात का इंतजार किया कि लोग खुद स्वीटी को सेक्स चैट के लिए संपर्क करें. जैसे ही किसी ने स्वीटी को इस काम के लिए पैसों का प्रस्ताव दिया, उन्होंने चैट भी वहीं रोक दी. सांटब्रिंक ने बताया कि उन्होंने लोगों की सेक्स संबंधित किसी भी मांग को पूरा नहीं किया. संगठन की कोशिश है कि दुनिया भर में पुलिस इस तरह के ऑनलाइन चैटरूमों में हो रही गतिविधियों पर नजर रखे.
संयुक्त राष्ट्र और एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार हर समय बच्चों का यौन शोषण करने वाले लगभग साढ़े सात लाख लोग ऑनलाइन मौजूद होते हैं. डच अधिकार संगठन का कहना है कि अब तक दुनिया में सिर्फ छह ही ऐसे लोगों को दोषी करार दिया गया है जो वेबकैम बाल सेक्स पर्यटन में शामिल हुए.
एसएफ/एएम (एएफपी)