हिंदू मठ का रखवाला एक मुसलमान
२७ सितम्बर २०१९अपने पूर्वजों की तरह 73 साल के रहमान बुड़ा गोशेर थान मठ की सीढ़ियों पर हर रोज सवेरे झाड़ू लगाते हैं. इसके बाद वह शिव के लिए अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाते हैं. रहमान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "मुझसे पहले मेरे पिता यह काम किया करते थे और उनसे पहले उनके पिता. हमारा परिवार बीते 500 साल से इस पवित्र स्थल का देखभाल कर रहा है."
रहमान बताते हैं, "हमारे परिवार का पहला आदमी बोरहांसा है. भगवान शिव बोरहांसा गए और उन्होंने कहा कि मैं इस जगह पर रहना चाहता हूं. अब ये जिम्मेदारी तुम्हारे परिवार की होगी कि इस जगह की देखभाल करो. मैं सिर्फ तुम्हारे परिवार की सेवा को स्वीकार करूंगा, किसी और की नहीं."
यह मठ भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में पड़ता है, जहां से सांप्रदायिक तनाव की खबरें आती हैं. असम में नागरिकता रजिस्टर हाल में तनाव की एक बड़ी वजह रहा है. इसके कारण बहुत से लोगों की नागरिकता पर खतरा मंडरा रहा है और इनमें मुसलमानों की एक बड़ी तादाद है.
भारत में 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक असम की आबादी में 61 प्रतिशत हिंदू और 34 प्रतिशत मुसलमान हैं. बाकी आबादी में ईसाई, बौद्ध, सिख और अन्य धार्मिक समुदाय शामिल हैं. रहमान बताते है कि उनका नाम नागरिकता रजिस्टर में शामिल है. लेकिन 3.3 करोड़ की आबादी वाले असम में 19 लाख लोगों की नागरिकता पर तलवार लटक रही है. उन्होंने हिरासत शिविरों में रखा जा सकता है और प्रत्यर्पित भी किया जा सकता है.
मठ के बारे में रहमान बताते हैं, "हिंदुओं के अलावा बहुत सारे मुसलमान भी यहां आते हैं और पूजा करते हैं. हिंदू हो या मुस्लिम, उनमें से ज्यादातर का यही कहना है कि यहां आकर उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है."
एके/एनआर (एएफपी)