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होलोकॉस्ट से इनकार की सब मिल कर निंदा करें

२० जनवरी २०२२

इस्राएल और जर्मनी के राजदूतों ने कहा है कि होलोकॉस्ट से इनकार दुनिया भर में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए खतरा है. उनकी अपील वानसे कांफ्रेंस की 80वीं वर्षगांठ पर आई है.

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Konzentrationslager Auschwitz
तस्वीर: Artur Widak/NurPhoto/picture alliance

80 साल पहले इसी कांफ्रेंस में नाजियों ने यूरोप से यहूदियों का सफाया करने की चर्चा की थी. इस्राएल और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा से कहा है कि वह होलोकॉस्ट से किसी भी इनकार की निंदा करने और उसे खारिज करने के लिए आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित करे. इस्राएल में जर्मनी की राजदूत सुजाने वासुम राइनर और उनके इस्राएली समकक्ष जेरेमी इसाचाराओफ ने न्यूयॉर्क में गुरुवार को आमसभा की बैठक से पहले एक संयुक्त अपील जारी की.

अपील में दोनों राजनयिकों की तरफ से लिखा गया है, "यह प्रस्ताव उन सभी देशों और समाजों के लिए उम्मीद की किरण होगा जो सहिष्णुता और विविधता के लिए खड़े होते हैं साथ ही जो समन्वय के लिए प्रयास करते हैं और यह समझते हैं कि होलोकॉस्ट को याद करना इस तरह के अपराध को दोबारा होने से रोकने के लिए जरूरी है."

Deutschland | 80 Jahre Wannseekonferenz
तस्वीर: Annette Riedl/dpa/picture alliance

जर्मन अखबार टागेसश्पीगल और इस्राएली अखबार मारीव ने उनकी अपील छापी है.

दोनों राजनयिकों ने कहा है कि होलोकॉस्ट से इनकार पीड़ियों और उनके वारिसों, यहूदियों पर हमला है और साथ ही "शांतिप्रिय समाजों और दुनिया भर में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व पर भी."

यह अपील वानसे कांफ्रेंस की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर की गई है. बर्लिन के पास वानसे झील के खिनारे एक विला में नाजी नेता इस कांफ्रेंस के लिए जमा हुए थे और यहीं उन्होंने यूरोप में चरणबद्ध तरीके से 1.1 करोड़ यहूदियों के हत्या पर चर्चा की थी.

संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में यहूदीविरोधवाद की एकसमान परिभाषा तय करने और जागरुकता बढ़ाने के साथ ही शिक्षा में निवेश की बात कही गई है. इसमें यह भी आग्रह किया गया है कि सोशल मीडिया कंपनियां होलोकॉस्ट से इंकार के खिलाफ प्रभावी कदम उठाएं.

यातना की यादें

जर्मनी "कभी नहीं भूलेगा"

जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने कहा है कि 80 साल बीतने के बावजूद यह याद करना जरूरी है कि कैसे जर्मन राजनयिक नाजी अपराधों में संलिप्त हुए थे. बेयरबॉक का कहना है, "विदेश सेवा के जिन अधिकारियों ने नाजी सत्ता के अपराधों और नरसंहारों में अपनी सेवा दी वो भी पीड़ितों के कष्ट के लिए आरोपी हैं."

उन्होंने होलोकॉस्ट के पीड़ितों को याद किया और शपथ ली, "जर्मनी ने उनके साथ जो किया वो हम कभी नहीं भूलेंगे."

संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 27 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होलोकॉस्ट के पीड़ितों को याद करने का दिन घोषित किया है. यह वो दिन है जब आउशवित्स कैंप से लोगों को आजादा कराया गया था. इसे अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मृति दिवस भी कहा जाता है.

एनआर/आरपी (एपी, डीपीए, केएनए)

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