जर्मनी में घायल छात्र भारत लौटा
३ जनवरी २०१३बॉन पुलिस के वकील (पब्लिक प्रोजीक्यूटर) फ्रेड अपोस्टेल ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है क्योंकि लड़के का बयान विरोधाभासी है, "जब आप से कोई कहता है कि उस पर हमला हुआ, वह यह भी बताता है कि उसे कहां मारा गया. तब आप उसकी चोट देखना चाहते हैं और जब चोट नहीं दिखती तो आप खुद से सवाल करते हैं कि ऐसे में उसे चोट क्यों नहीं आई, इसलिए हमें इस मामले में शक है."
पुलिस के मुताबिक भारतीय छात्र का दावा है कि क्रिसमस से ठीक पहले सड़क पर कुछ लोगों ने उससे धर्म बदलने को कहा. ऐसा न करने पर उन्होंने उसकी जुबान काटने की कोशिश की. हमले में उसकी जीभ पर चोट भी आई. अस्पताल में इलाज के बाद 24 साल के इस छात्र का बयान दर्ज कर लिया गया है. अब वह भारत चला गया है. अपोस्टेल कहते हैं, "हम नहीं जानते कि वह कुछ समय के लिए वापस गया है या हमेशा के लिए."
बॉन में हाल के दिनों में अपराध बढ़े हैं. पिछले महीने ही सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बम पाया गया था, लेकिन पुलिस ने वक्त रहते उसे नाकाम कर दिया. पुलिस का कहना है कि भारतीय छात्र पर हमले के मामले की जांच हो रही है और अभी वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं.
अपोस्टेल ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट अहम हो गई है, "जांच मेडिकल रिपोर्ट और लड़के के बयान पर ही आधारित होगी क्योंकि हमारे पास कोई चश्मदीद गवाह नहीं है."
इस बीच भारत सरकार ने इस मामले में जर्मन सरकार से संपर्क साधा है. फ्रैंकफर्ट के भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा, "फ्रैंकफर्ट का वाणिज्य दूतावास भारतीय छात्र और बॉन की पुलिस के संपर्क में है. बर्लिन में भारतीय दूतावास भी जर्मन विदेश मंत्रालय से संपर्क में है." भारत सरकार ने जर्मनी से छात्रों की सुरक्षा का अनुरोध करते हुए कहा है कि "जो लोग इस हमले के पीछे हैं, उन्हें इंसाफ के दायरे में लाया जाए."
रिपोर्टः ईशा भाटिया/ए जमाल
संपादनः महेश झा