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हमले के 13वें दिन 12 घंटे का संघर्ष विराम

८ मार्च २०२२

यूक्रेन पर रूसी हमले के 13वें दिन यानी मंगलवार को 12 घंटे के संघर्ष विराम से मानवीय गलियारा तैयार हुआ. कई इलाकों से बड़ी संख्या में लोग बाहर जा रहे हैं. सोमवार को भी रूसी विमानों की बमबारी यूक्रेन पर पूरी रात चलती रही.

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शरणार्थियो को मारियोपोल से बाहर लेकर जाती बसें
शरणार्थियो को मारियोपोल से बाहर लेकर जाती बसेंतस्वीर: President's Office/REUTERS

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अब तक 20 लाख लोग देश छोड़ कर जाने पर मजबूर हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी आयुक्त फिलिप्पो ग्रांदी ने इस संख्या की पुष्टि की है और इसके बढ़ने की आशंका भी जताई. इनमें से सबसे ज्यादा 12 लाख लोगों ने पोलैंड में शरण ली है. पूर्वी यूक्रेन से बड़ी संख्या में लोग मंगलवार को बसों में भर कर सीमा की तरफ जा रहे हैं. रूस और यूक्रेन ने आम लोगों को बाहर निकालने के लिए 12 घंटे का संघर्षविराम लागू किया है. हालांकि यूक्रेन ने इसके उल्लंघन की शिकायतें की है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को मानवीय गलियारे को बढ़ाने की मांग की है. जंग तेरहवें दिन में पहुंच चुकी है और देश में लोगों के लिए खाना, पानी, दवाइयां और गर्मी की कमी बढ़ती जा रही है. कई शहरों में बिजली की सप्लाई में कमी के चलते कटौती हो रही है.

मंगलवार को यूक्रेन से आए वीडियो में लोगों को बसों में भर कर सीमा की तरफ जाते देखा जा सकता है. ये बसें पूर्वी शहर सुमी से निकली हैं. रेड क्रॉस के निशान वाली कई बसें बर्फीले रास्तों से हो कर सीमा की तरफ गई हैं. यहां से निकलने वालों में भारत और चीन के छात्र भी शामिल हैं.

कीव के बाहर इर्पिन से टूटे पुल के जरिए बाहर निकलते लोग
कीव के बाहर इर्पिन से टूटे पुल के जरिए बाहर निकलते लोगतस्वीर: SERGEI SUPINSKY/AFP

मानवीय गलियारा

यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों पक्षों में मंगलवार सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे बजे तक 12 घंटे के संघर्षविराम पर सहमति बनी थी ताकि सुमी में फंसे लोगों को निकाला जा सके. यहां करीब 800 भारतीय छात्रों के फंसे होने की बात कही जा रही थी.

रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आम लोगों को मारियोपोल और राजधानी कीव से निकलने के लिए भी अनुमति दी जा रही है. यूक्रेन और रूस के अधिकारियों के बीच सोमवार को हुए तीसरे दौर की बैठक में इस पर सहमति बनी. इस बीच तुर्की के राजनयिकों का कहना है कि रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्री गुरुवार को तुर्की में मुलाकात करेंगे.

पूरी रात चलती रही बमबारी

इस बीच रूसी विमानों ने सोमवार की रात पूर्वी और मध्य यूक्रेन के शहरों पर बमबारी चालू रखी. राजधानी कीव के उपनगरों पर भी भारी बमबारी हुई है. दो दूसरे शहरों में तेल के डिपो भी बमबारी का निशाना बने हैं. यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया है कि दो बच्चों समेत 9 लोगों की सुमी पर सोमवार को हुए हवाई हमले में मौत हुई है.

सुदूर पश्चिम में मौजूद लवीव शहर के मेयर का कहना है कि यूक्रेन के दूसरे हिस्सों से यहां आए हजारों लोगों के खाने और रहने का प्रबंध करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं. युद्ध शुरू होने के बाद 2 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन के भीतर ही विस्थापित हुए हैं. ये लोग लवीव पहुंच रहे हैं वहां स्पोर्ट्स हॉल, स्कूल, अस्पताल और चर्च की इमारतों में उन्हें रखा गया है.

खारकीव में बमबारी में हुई बर्बादी के निशान देखता यूक्रेनी जवान
खारकीव में बमबारी में हुई बर्बादी के निशान देखता यूक्रेनी जवानतस्वीर: SERGEY BOBOK/AFP

दक्षिण में मौजूद तटवर्ती शहर मारियोपोल की कुल आबादी के करीब आधे लोग वहां से भागने की कोशिश में हैं. यहां अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी हो गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि मारियोपाल में डिहाइड्रेशन की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई है. राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मारियोपोल में मानवीय सहायता भेजी जा रही है.

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रूसी जनरल की मौत

यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी के मुताबिक रूसी सेना का एक जनरल लड़ाई में मारा गया है. युद्ध शुरू होने के बाद वह दूसरा रूसी जनरल है, जिसकी मौत हुई है. एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जनरल ने रूसी फौज के साथ सीरिया और चेचेन्या की लड़ाई में हिस्सा लिया था. इसके साथ ही 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के अभियान में भी वह शामिल था. स्वतंत्र रूप से इस खबर की पुष्टि नहीं हो सकी है. रुस ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

रूसी सेना ने दक्षिणी यूक्रेन में आगे बढ़ने में काफी सफलता हासिल की है, हालांकि दूसरे हिस्सों में सेना अटकी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ का कहाना है कि रूसी हमले में छह स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई है और तकरीबन एक दर्जन घायल हुए हैं. डब्ल्यूएचओ ने यूक्रेन में 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर हमलों की पुष्टि की है.

यूक्रेन के सुमी इलाके में रूसी सेना के ध्वस्त हुए टैंक
यूक्रेन के सुमी इलाके में रूसी सेना के ध्वस्त हुए टैंकतस्वीर: Irina Rybakova/Press Service Of The Ukrainian Ground Forces/REUTERS

युद्ध का असर

यूक्रेन पर हमले के बाद से पेट्रोलियम और दूसरे जरूरी चीजों के दाम दुनिया भर में बढ़ गए हैं. इसमें तेल के बाद सबसे पहले गेहूं का नंबर है. इसका इस्तेमाल रोटी और नूडल्स बनाने में होता है. रूस और यूक्रेन दुनिया में गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक देश हैं.

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इस बात की चिंता बढ़ रही है कि यूक्रेन पर रूसी हमला पहले से ही तंग तेल की सप्लाई को और ज्यादा प्रभावित करेगा. रूस दुनिया में ऊर्जा के सबसे बड़े उत्पादक देशों में है. अमेरिका रूस से तेल के आयात पर सीमा लगा सकता है और इस आशंका से तेल की कीमत बढ़ती जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची है. इसके अभी और बढ़ने की आशंका है.

मध्यपूर्व के देशों में यूक्रेन पर हमले के बाद विभाजन और गहरा गया है. बीते कुछ सालों में यहां रूस ने सक्रिय भूमिका निभाई है, खासतौर से सीरिया में. रूस ने लेबनान, इराक और यमन में कई मिलिशियाओं को समर्थन भी दिया है जहां उसके सहयोगी ईरान का प्रभाव है. दूसरी तरफ मध्यपूर्व के कई देशों के अमेरिका और पश्चिमी देशों से करीबी रिश्ते हैं. ऐसे में उनके लिए रूस का समर्थन करना मुश्किल हो रहा है.

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