जर्मनी में पकड़ी गई चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बड़ी वेबसाइट
४ मई २०२१जर्मन अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने ‘बॉयजटाउन' नाम की एक वेबसाइट को बंद किया है जो बच्चों के यौन शोषण की दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइटों में से एक थी. सोमवार को एक बयान में पुलिस ने बताया कि कई महीने की तफ्तीश के बाद अप्रैल में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी उम्र 40 से 64 साल के बीच है.
यह वेबसाइट जून 2019 से चल रही थी और इसके चार लाख से ज्यादा सदस्य थे. इसका इस्तेमाल कथित डार्कनेट के जरिए ही किया जा सकता था. जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से तीन पर इस साइट को चलाने का संदेह है. एक व्यक्ति रजिस्टर्ड सदस्य होने के संहेद में पकड़ा गया है. पुलिस के मुताबिक यह सबसे सक्रिय सदस्य था और 3,500 पोस्ट अपलोड कर चुका था.
वेबसाइट के बारे में क्या पता चला?
जर्मन टास्क फोर्स के नेतृत्व में कई महीने तक पुलिस ने यूरोपोल के साथ मिलकर इस पड़ताल को अंजाम दिया. नीदरलैंड्स, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा के अधिकारियों का भी सहयोग लिया गया. पुलिस ने बताया कि यह वेबसाइट सदस्यों को बच्चों के शोषण की वीडियो अपलोड करने की सुविधा देती थी. लोगों को कई चैनल उपलब्ध कराए जाते थे. वेबसाइट यह भी सलाह देती थी कि वेबसाइट को किस तरह सबसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जाए और आपराधिक आरोपों से कैसे बचा जाए.
गिरफ्तार लोगों के साथ क्या हुआ?
पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार करने से पहले उनके घरों की तलाशी ली थी. तीन लोग जर्मनी में ही गिरफ्तार किए गए. 14-15 अप्रैल को उन्हें पूछताछ के लिए फ्रैंकफर्ट ले जाया गया. चौथा व्यक्ति पराग्वे से गिरफ्तार किया गया. उसे जर्मनी लाने की प्रक्रिया जारी है. इन गिरफ्तारियों के लिए पुलिस ने जर्मनी में कई जगहों पर छापेमारी की. 40 वर्षीय एक व्यक्ति को पाडेरबोर्न से गिरफ्तार किया गया. 49 वर्षीय एक व्यक्ति को म्यूनिख से और 64 वर्षीय व्यक्ति को हैम्बर्ग से पकड़ा गया.
छापेमारी के दौरान पुलिस ने ‘बॉयजटाउन' और कई अन्य चैटरूम को भी बंद किया. इन गिरफ्तारियों की अहमियत के बारे में पूछने पर डॉयचे वेले की यानीना सेमेनोवा ने बताया कि चार लाख सदस्यों वाली यह वेबसाइट बाल यौन शोषण के सबसे बड़े प्लैटफॉर्म्स में से एक थी. इसका इस्तेमाल डार्कनेट के जरिए होता था इसलिए इसे पकड़ना और बंद करना बहुत मुश्किल काम था. हालांकि सेमेनेवा के मुताबिक इस बात में संदेह है कि पुलिस सभी सदस्यों का पता लगा पाएगी.
रिपोर्ट: आलेक्स बेरी