गुलाग इतिहासकार की सजा और बढ़ाई गई
२७ दिसम्बर २०२१65 साल के यूरी दमित्रियेव के समर्थकों का कहना है कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सोवियत काल की विभीषिकाओं को उजागर करने की कोशिश की थी. दमित्रियेव देश के सबसे जाने माने अधिकार समूह 'मेमोरियल' के स्थानीय प्रमुख भी हैं.
संभव है कि इसी सप्ताह 'मेमोरियल' को भी बंद कर दिया जाए. पिछले साल उत्तर-पश्चिमी रूस में एक अदालत ने दमित्रियेव को एक विवादास्पाद यौन अपराध के तहत 13 साल कारावास की सजा सुनाई थी.
सोवियत काल की विभीषिकाओं के खिलाफ
फिर दिसंबर में अभियोजकों ने अदालत से गुजारिश की कि उनकी सजा को और दो साल बढ़ा दिया जाए. सोमवार 27 जनवरी को पेत्रोजावोद्स्क शहर की एक अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए सजा को बढ़ा दिया.
'मेमोरियल' ने इसकी घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, "यूरी दमित्रियेव को 15 साल". दमित्रियेव ने कई दशकों तक जोसफ स्टैलिन के शासन के दौरान मारे गए लोगों की सामूहिक कब्रों को खोजने और खोदने का काम किया. उन्होंने करेलिया प्रांत में उनकी याद में एक स्मारक की स्थापना भी की है.
पिछले कुछ सालों में उन्हें कई तरह के आरोपों पर कई मुकदमों का सामना करना पड़ा है. इनमें उनकी गोद ली हुई बेटी का यौन शोषण करने के आरोप भी शामिल हैं. उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया है.
2016 में उनके पास से उनकी बेटी की नग्न तस्वीरें मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर बच्चों की पोर्नोग्राफी के आरोप लगाए गए थे. उनका कहना था कि उन्होंने वो तस्वीरें अपने बेटी के शारीरिक विकास का निरीक्षण करने के लिए ली थीं.
एक अदालत ने उन्हें 2018 में बरी कर दिया था. लेकिन बाद में एक ऊपरी अदालत ने उस फैसले को पलट कर सबको चौंका दिया. दमित्रियेव पर एक बच्चे के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के नए आरोप के तहत फिर से मुकदमा शुरू कर दिया गया.
राजनीतिक दमन
जुलाई 2020 में उन्हें 3.5 साल जेल की सजा सुनाई गई, जिसमें से अधिकांश समय वो मुकदमा शुरू होने से पहले ही कैद में बिता चुके थे. अभियोजकों ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और और भी कड़ी सजा की मांग की.
नतीजन करेलिया के सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2020 में एक नया फैसला दिया और दमित्रियेव को कड़ी सुरक्षा वाली एक जेल में 13 सालों के लिए भेज दिया. 'मेमोरियल' ने उन्हें एक "राजनीतिक बंदी" घोषित कर दिया है और कहा है कि उन्हें सजा देने का असली कारण "राजनीतिक दमन की यादें संभाल कर रखने की उनकी गतिविधियां" लगती हैं.
'मेमोरियल' सोवियत काल में राजनीतिक बंदियों के उत्पीड़न की जांच करता है और मौजूदा समय के शोषण के खिलाफ भी अभियान चलाता है. समूह का कहना है कि इस साल के अंत तक उसे बंद किया जा सकता है.
सीके/एए (एएफपी)