पेटीएम पेमेंट्स बैंक के चैयरमैन पद से विजय शेखर का इस्तीफा
२७ फ़रवरी २०२४भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद से ही पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) काफी उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है. अब पीपीबीएल के चेयरमैन पद से विजय शेखर शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियमों का अनुपालन नहीं होने के कारण पीपीबीएल को 15 मार्च के बाद ग्राहकों से कोई जमा या भुगतान लेने से रोक दिया है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी जानकारी में कंपनी ने कहा कि पीपीबीएल ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन श्रीधर, रिटायर्ड आईएएस देबेंद्रनाथ सारंगी, पूर्व आईएएस रजनी सेखरी सिब्बल और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गर्ग की नियुक्ति के साथ बोर्ड का पुनर्गठन किया है.
पीपीबीएल में बड़े फेरबदल
15 मार्च से बैंक ऑपरेशंस पर आरबीआई के प्रतिबंध के बाद पीपीबीएल के भविष्य के कारोबार का नेतृत्व वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) द्वारा पुनर्गठित बोर्ड द्वारा किया जाएगा. वे हाल ही में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए हैं.
बीएसई को कंपनी ने बताया, "ओसीएल ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक बोर्ड से अपना नामांकन वापस ले लिया है और विजय शेखर शर्मा ने नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और बोर्ड सदस्य के रूप में पद छोड़ दिया है." कंपनी ने कहा कि वह अपने नामांकित व्यक्ति को हटाकर केवल स्वतंत्र और कार्यकारी निदेशकों वाले बोर्ड को चुनने के पीपीबीएल के कदम का समर्थन करती है.
पीपीबीएल बोर्ड का पुनर्गठन
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया, "कंपनी को अलग से सूचित किया गया है कि विजय शेखर शर्मा ने भी इस परिवर्तन को सक्षम करने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है, पीपीबीएल ने हमें सूचित किया है कि वे एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे."
यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम तब हुआ जब आरबीआई ने समय-सीमा 15 दिन बढ़ाकर 15 मार्च कर दी, जिसके बाद पीपीबीएल को ग्राहकों से नई जमा राशि स्वीकार करने और टॉप अप स्वीकार करने से रोक दिया गया है. पहले आखिरी तारीख 29 फरवरी तय की गई थी.
कंपनी ने अपने ग्राहकों को भरोसा दिया है कि क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीन समेत उसका मोबाइल ऐप 15 मार्च के बाद भी चालू रहेगा.
पीपीबीएल के एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा, "हम श्रीनिवासन श्रीधर, देबेंद्रनाथ सारंगी और अशोक कुमार गर्ग को बोर्ड में नियुक्ति का स्वागत करते हैं और रजनी सेखरी सिब्बल को बोर्ड में शामिल करना, पीपीबीएल की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उनकी विशिष्ट विशेषज्ञता हमारी शासन सरंचनाओं और परिचालन मानकों को बढ़ाने, अनुपालन और सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रति हमारे समर्पण को और मजबूत करने की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण होगी."
आरबीआई ने क्यों की थी कार्रवाई
विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है. पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने भी अपने नॉमिनी विजय शेखर को हटा लिया है. दरअसल आरबीआई द्वारा 31 जनवरी को उठाए गए कदम के बाद यह बदलाव हो रहा है. आरबीआई ने पीपीबीएल पर कई व्यावसायिक प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें 29 फरवरी के बाद नई जमा और क्रेडिट लेनदेन स्वीकार करने पर रोक भी शामिल थी. बाद में आरबीआई ने समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी.
आरबीआई ने 31 जनवरी को एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक 29 फरवरी के बाद जमा नहीं ले सकता है, क्रेडिट सेवाएं नहीं दे सकता या फंड ट्रांसफर की सुविधा नहीं दे सकता. हालांकि पेमेंट्स बैंक सीधे उधार नहीं देता है. यह तीसरे पक्ष की संस्थाओं से क्रेडिट उत्पाद पेश करता है.
केंद्रीय बैंक का कहना है कि उसने यह कार्रवाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा लगातार नियमों का अनुपालन में चूक करने और पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंता को देखते हुए की है. आरबीआई ने यह रोक केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर ही लगाई है. इसी तरह की चिंताओं के कारण मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन उसने मौजूदा ग्राहकों के साथ व्यापार करना जारी रखा.
पेटीएम के शेयर आईपीओ निवेशकों को 2,150 रुपये के भाव पर जारी हुए थे लेकिन लिस्टिंग के बाद से इस भाव तक ही यह कभी पहुंच ही नहीं पाया मतलब आईपीओ के निवेशक कभी मुनाफे में नहीं आ पाए. पेटीएम का प्लेटफॉर्म 2010 में लॉन्च किया गया था.