एडीबी ने गहरे आर्थिक नुकसान का किया पूर्वानुमान
१५ मई २०२०एशियन डेवलपमेंट बैंक ने कहा है कि व्यापार के सिमटने और फैलती हुई बेरोजगारी के बीच कोरोना वायरस महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था को 9.7 प्रतिशत तक का नुक्सान पहुंचा सकती है. इस ताजा अनुमान के साथ एडीबी ने अपने ही द्वारा दिए हुए पिछले अनुमान को दोगुना कर दिया है. नए अनुमान के अनुसार नुकसान का मूल्य आठ हजार अरब डॉलर से भी ज्यादा हो सकता है और ये अलग अलग परिदृश्यों पर आधारित है.
लेकिन एडीबी ने ये भी कहा कि सरकारों के हस्तक्षेप से इस नुकसान की भरपाई हो सकती है. वायरस की वजह से 24 करोड़ से भी ज्यादा नौकरियां जा सकती हैं जो कि एक दशक पहले आए वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान गई नौकरियों से सात गुना से भी ज्यादा है. बैंक ने कहा है कि इसकी क्षतिपूर्ति मुश्किल होगी और चेतावनी दी है कि अगर कंपनियों का दिवाला निकलने से पहले महामारी पर तुरंत काबू नहीं पाया गया तो एक गहरे वित्तीय संकट की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.
एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक 15 मई तक कोरोना वायरस ने दुनिया भर में 3,00,140 लोगों की जान ले ली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि संभव है कि ये वायरस समुदायों में रहने वाला एक और एंडेमिक वायरस बन जाएगा और लोगों को इसके साथ रहना सीखना पड़ेगा. 196 देशों में कोरोनावायरस के संक्रमण के 44 लाख से भी ज्यादा मामले आधिकारिक रूप से दर्ज हुए हैं. मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या अमेरिका में रही है, जहां अब तक 85,906 लोग मारे गए.
आर्थिक नुक्सान को रोकने के लिए, सरकारों ने कई तरह के स्टिमुलस दिए हैं जैसे नौकरियां सलामत रखने के लिए कंपनियों को मदद, कैश ट्रांसफर और टैक्स में छूट. एडीबी का कहना है, "इनकी वजह से कोविड-19 महामारी के कुछ दुष्प्रभावों का मुकाबला करना संभव हो सका." बैंक ने यह भी कहा कि अमेरिका को उसके जीडीपी के दसवें हिस्से के बराबर या 2000 अरब डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है जब कि चीन को उसकी जीडीपी के 11वें हिस्से के बराबर या 1,000 अरब डॉलर से ज्यादा का नुक्सान हो सकता है.
उद्योगों की बात करें तो वायरस के फैलाव को रोकने के लिए देशों के अपनी अपनी सीमाओं को सील कर देने और तालाबंदी लागू करने के बीच पर्यटन और विमानन क्षेत्रों को बहुत धक्का लगा. कई एयरलाइन कंपनियों ने या तो अपने कर्मचारियों को निकाल दिया है या उन्हें भुगतान ना होने वाली छुट्टी पर भेज दिया है. एडीबी ने कहा, "रोजगार पर सबसे गंभीर असर हुआ है. अकुशल कामगार जो अमूमन अनियमित आय पर जीते थे उन पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है." यात्रा प्रतिबंधों की वजह से वैश्विक व्यापार को 2600 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है.
सीके/एए (एएफपी)
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