जंगल जमाने की कोशिश
१९ अगस्त २०१३सिएरा डे गुआदार्रामा स्पेन की राजधानी मैड्रिड के ठीक बाहर बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखला है. साल के इस समय में पहाड़ों पर जमा बर्फ पिघलने लगती है.पिघले हुए पानी को चोटी के नीचे की धरती सोख लेती है, जहां चीड़ के घने पेड़ उगते हैं. उसके नीचे पहाड़ी की तलहटी में हॉली, ओक और ऐश के पेड़ों का जंगल है, जहां ग्रेनाइट की पहाड़ियों में बकरियां चरती दिखती हैं.
रूबेन बर्नाल गुआदार्रामा नेशनल पार्क में गाइड हैं. वे जंगल को फिर से हरा भरा करने और वन लगाने की कोशिश कर रहे एक संगठन रिफॉरेस्टा के स्वयंसेवक हैं. संगठन के वॉलंटियर जंगल में नए पेड़ लगाते हैं. बर्नाल को अपने पेड़ों का पता है. वे कहते हैं, "मसलन यहां जुनिपर है, ये बलूत है, हां यह बलूत ही है, यह आडलर है और यह ब्लैकथॉर्न है."
बर्नाल बताते हैं कि इस इलाके के जंगल को लकड़ी का कोयला पाने के लिए जला दिया गया था. इसके अलावा पशुपालन उद्योग को, भेड़ों को घास चराने के लिए भी जमीन चाहिए थी. यह स्पेन में कभी बहुत आम हुआ करता था. कुछ वैसा ही, जैसे इस समय ब्राजील में लोगों को रोजी रोटी देने के लिए वर्षावन काटे जा रहे हैं.
स्पेन की सरकार ने जब 19वीं शताब्दी में किए गए नुकसान का जायजा लिया तो पता चला कि 50-60 लाख हेक्टेयर जमीन में फिर से जंगल लगाने की जरूरत है. यह स्पेन के क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत है. इस जमीन पर जंगल लगाने का काम अभी भी चल रहा है.
जड़ में वापसी
बर्नाल कहते हैं, "वादियों को बचाना हमारा लक्ष्य है, जिसका मतलब है जंगलों को फिर से लगाना जो पहले वहां हुआ करते थे." वे इस अभियान में सक्रिय दिलचस्पी लेते हैं और दूसरे वॉलंटियरों को बताते हैं कि गुआदार्रामा में बहुतायत में पाए जाने वाले बाहरी पेड़ों के बीच इलाके के परंपरागत पेड़ों को कैसे लगाया जाए. वे बताते हैं, "हम एक लाइन में या ज्यामितिय रूप में पेड़ नहीं लगाते. हम प्रकृति की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं. हम पेड़ो के लिए लाभदायी जगह ढूंढ़ते हैं, इसलिए पौधे झाड़ियों के पीछे छुपे मिलते हैं."
पौधे के लिए सही जगह खोजने, गड्ढा करने और पौधा लगाने में वॉलंटियरों को आधा घंटा लग जाता है. उसके बाद वे पौधे के ऊपर आस पास में पाए जाने वाले सूखे पत्ते और झाड़ फूस डाल देते हैं ताकि पौधों को बढ़ने के लिए स्वस्थ माहौल मिले. रिफॉरेस्टा गुआदार्रामा के दो हिस्सों में लुप्त हो गए स्थानीय पेड़ों को फिर से लगा रहा है. मैड्रिड में खाद्य और कृषि शोध संस्थान के साइंटिस्ट ग्रेगोरियो मोंटेरो का कहना है कि सदियों से जंगलों को काटे जाने ने स्पेन में भूस्खलन की गंभीर समस्या पैदा कर दी है. वे कहते हैं, "स्पेन मध्य काल से ही गड़ेरियों और किसानों का देश था. इसकी प्राकृतिक संपदा काफी कम हो गई है. वादियां खत्म हो गईं और बड़े जंगल झाड़ियों वाले खेत रह गए."
मुश्किल में जमीन
सिएरा डे गुआदार्रामा की तरह स्पेन के दूसरे इलाकों में भी किसान जंगलों को या तो जलाते गए या काटते गए और उस जमीन में अपनी गायों या बकरियों को चराते रहे. जंगलों के काटे जाने का नतीजा यह हुआ कि जमीन की उर्वरा शक्ति की रक्षा करने वाले पेड़ नहीं रहे. वर्षा होने पर जमीन का ऊर्वरक तत्व बह जाता है. जमीन बंजर होती गए और पेड़ों के बिना पानी को सोखकर संचित रखने की क्षमता भी खोती गई. नतीजतन खेत भी सूखते जाते हैं, ऊपरी सतह कठोर होती जाती है और वर्षा का पानी उसके अंदर नहीं जा पाता. पहाड़ी तलछटी में पानी के न ठहरने से मैदानी इलाकों में सिर्फ बाढ़ ही नहीं आती, ऊपरी इलाकों में नए पेड़ अपनी जड़ें नहीं जमा पाते.
19वीं सदी के मध्य में स्पेन के किसान शिकायत करने लगे थे कि उनकी जमीनों की मिट्टी बहकर समुद्र में जा रही है. मोंटेरो कहते हैं, "सरकार ने 1867 में स्पेन में फिर से जंगल लगाने के लिए एक आयोग बनाया. एक नया कानून बनाया गया, लेकिन उसका असर कम ही हुआ." अगले कुछ दशक स्पेन के लिए बहुत अच्छे नहीं थे. इस दौर में जब वह अपने उपनिवेश खोता जा रहा था और सरकारें नियमित रूप से बदल रही थीं, नए जंगल लगाना एजेंडे पर रहा. स्पेनी गृहयुद्ध के दौरान संसद ने जंगल लगाने का एक कानून पास किया , जिसके बाद अगले 40 साल में चार करोड़ पेड़ लगाए गए.
पाब्लो सानखुआन बेनितो इस समय मैड्रिड में क्षेत्रीय वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए जिम्मेदारी हैं. वे बताते है कि स्पेन की राजधानी के टिकाऊ विकास के लिए जंगलों का कितना महत्व है, "60 या 70 लाख आबादी के लिए पानी की जरूरत रहेगी. जंगलों का मुख्य काम पानी की सुरक्षा है." स्पेन के अधिकारियों की दिलचस्पी जंगलों के बाजार मूल्य में भी होने लगी है. वे धरती पर कार्बन डायोक्साइड को कम करने का मुख्य आधार हैं. नए जंगल लगाने की प्रक्रिया में स्पेनी अधिकारी पुरानी गल्तियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
स्थानीय प्रजातियों का बचाव
सानखुआनबेनिटो बताते हैं कि पुराने जमाने में एक तरह के पौधे लगाकर किया जाता था. अक्सर टॉक्सिक पौधे भी लगा दिए जाते थे. ऐसे पौधे जो इस जमीन के लायक नहीं थे, लेकिन उनका व्यावसायिक उत्पादन किया जाता था. इस इलाके में लगाया गया एक लोकप्रिय पौधा यूक्लिप्टस यानी नीलगिरी का है. ऑस्ट्रेलिया से लाया गया एक विदेशी पौधा. यह बेहद तेजी से बढ़ता है, जिसकी वजह से स्थानीय किसानों में अत्यंत लोकप्रिय है. लेकिन यूक्लिप्टस बहुत सारा पानी खाता है. सूखे इलाके के लिए यह बहुत अच्छा नहीं हैं. पाब्लो सानखुआनबेनिटो कहते हैं कि इससे जंगल में आग का खतरा भी बढ़ जाता है. उनकी एजेंसी पेड़ पौधों की धीरे धीरे बढ़ने वाली स्थानीय प्रजातियों को स्पेन के जंगलों में लगा रहा है.
इसका एक फायदा यह भी होगा कि जंगल एक जैसे पेड़ों के कारण बोरिंग नहीं लगेंगे. सामखुआनबेनिटो कहते हैं, "अब सचमुच वृक्षारोपण संरक्षण के लिए हो रहा है, उत्पादकता के लिए नहीं." वापस गुआदार्रामा के नेशनल पार्क में बर्नाल और उनके साथी देश के जंगल को फिर से जीवन दे रहे हैं. उन्होंने वहां सेब के पेड़ लगाए हैं. बर्नाल कहते हैं, "हमने उन्हें यहां लगाया ताकि बकरियां उन्हें चर न जाएं. जब मैं यहां आता हूं और सेब के पेड़ों को देखता हूं तो अच्छा लगता है."
रिपोर्ट: लुकस लॉरसन/एमजे
संपादन: आभा मोंढे