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कानून और न्याय

पाकिस्तान में बलात्कारियों को मिलेगी सख्त सजा

२५ नवम्बर २०२०

पाकिस्तान में बलात्कारियों को केमिकल कास्ट्रेशन यानी दवाओं से अंडकोष को निष्क्रिय करने की सजा मिलेगी. इसके लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.

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Pakistan Islamabad | Protest gegen Vergewaltigung
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Naveed

पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में विधि मंत्रालय ने नए अध्यादेश का मसौदा पेश किया जिसे प्रधानमंत्री ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी. इस बारे में आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है.

विधि और न्याय मंत्री फरोग नसीम ने मंगलवार को अध्यादेश लाने की सरकार की कोशिशों की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि चूंकि संसद का सत्र अभी चल नहीं रहा है इसलिए सरकार यह अध्यादेश जल्द ही जारी करेगी. उनके अनुसार इसमें बलात्कारियों के लिए केमिकल कास्ट्रेशन के अलावा आजीवन कारावास और मृत्युदंड का भी प्रावधान है.

खुद इमरान खान पहले ही इस तरह की कड़ी सजा लाए जाने की वकालत कर चुके हैं. सितंबर में उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि बढ़ते हुए यौन अपराधों को कम करने के लिए बलात्कारियों को या तो सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी जानी चाहिए या उनका केमिकल कास्ट्रेशन कर देना चाहिए.

Pakistan Lahore | Protest für Gerechtigkeit nach Vergewaltigung
पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों में कुछ सनसनीखेज मामलों के सामने आने के बाद जनता में बलात्कार को ले कर काफी आक्रोश पैदा हो गया है.तस्वीर: DW/T. Shahzad

पाकिस्तान में बलात्कार के बढ़ते मामले देश में एक बड़ी समस्या बन गए हैं और पिछले कुछ महीनों में कुछ सनसनीखेज मामलों के सामने आने के बाद जनता में बलात्कार को ले कर काफी आक्रोश पैदा हो गया है. यह आक्रोश कहीं सरकार के लिए मुसीबत ना बन जाए इसलिए इमरान खान ने जनता के बीच एक कड़ा रुख अपना लिया है और सख्त सजा की वकालत कर रहे हैं.

लेकिन केमिकल कास्ट्रेशन एक अत्यंत विवादास्पद कदम है जिसे लेकर पूरी दुनिया में लेकर अलग अलग राय है. संयुक्त राष्ट्र कई बार कह चुका है कि कास्ट्रेशन या मृत्युदंड जैसी सजा की वजह से बलात्कार होने कम हो गए हों इसका कोई भी प्रमाण आज तक नहीं मिला है.

लेकिन यूरोप के कई देशों के अलावा यह अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रूस जैसे कई देशों में प्रचलन में है. भारत में भी इस पर पिछले कुछ सालों से चर्चा हो रही है लेकिन अभी तक इसे कानूनन वैध घोषित नहीं किया गया है. 2012 में दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले के बाद और सख्त कानून लाने के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष जेएस वर्मा ने कहा था कि यह असंवैधानिक और अमानवीय होगा.

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