फ्रांसीसी विमानों ने शुरू की लीबिया में कार्रवाई
१९ मार्च २०११पैरिस में अमेरिकी, यूरोपीय और अरब नेताओं की बैठक के बाद सारकोजी ने कहा, "फिलहाल हमारे विमान बेनगाजी पर हमलों को रोक रहे हैं." उन्होंने कहा कि लीबिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और अरब देशों का समर्थन प्राप्त है. इसे तभी रोका जा सकेगा जब गद्दाफी की सेनाएं विद्रोहियों पर हमले रोक देंगी. फ्रांसीसी विमान लीबियाई टैंकों पर हमलों के लिए भी तैयार हैं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन
कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की सेनाओं ने युद्धविराम की अंतरराष्ट्रीय अपीलों को दरकिनार करते हुए शनिवार को भी बेनगाजी में विद्रोहियों पर हमले किए. लीबियाई विद्रोहियों के प्रवक्ता ने बताया है कि गद्दाफी की सेनाएं शहर में दाखिल हो चुकी हैं और चश्मदीदों ने विद्रोहियों के मुख्यालय के पास कम से कम एक धमाके की आवाज सुनी है. हालांकि विद्रोहियों का कहना है कि उन्होंने गद्दाफी की सेनाओं को बेनगाजी में नहीं घुसने दिया. इस बीच शनिवार को बेनगाजी के रिहायशी इलाके में एक लड़ाकू विमानों को आग की लपटों के बीच गिरते देखा गया है. पायलट विमान से निकला गया. यह रूस में निर्मित मिग-23 लड़ाकू विमान था जिसका इस्तेमाल लीबियाई वायुसेना करती है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अन्य नेताओं से मुलाकात के बाद सारकोजी ने कहा, "हमारे अरब, यूरोपीय और उत्तर अमेरिकी साझीदारों के साथ मिल कर फ्रांस में इतिहास के सामने अपने भूमिका अदा करने का फैसला किया है. जिन लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया, वे सभी जरूरी और खास कर सैन्य कदम उठाने पर सहमत थे ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसलों को लागू किया जा सके. इसीलिए हमारी वायुसेनाएं बेनगाजी के लोगों पर गद्दाफी के विमानों से होने वाले हमलों का जबाव देंगे."
खतरे में लीबियाई लोग
लीबिया पर सैन्य कार्रवाई का विरोध करने वाली जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल भी बैठक में मौजूद थी. उन्होंने कहा कि जर्मनी भी इस बात पर सहमत है कि लीबिया में हिंसा रुकनी चाहिए. इस बीच खबर है कि नाटो भी लीबिया के खिलाफ सैन्य कदम उठाने की तैयारी कर रहा है.
सारकोजी ने कहा, "कर्नल गद्दाफी ने हमारी चेतावनी का मजाक उडाया है. पिछले कुछ घंटों में उनकी सेना ने अपने हमले और तेज कर दिए हैं. लीबियाई लोगों को हमारी मदद की जरूरत है. यह हमारी जिम्मेदारी है. लीबिया में आम जनता सिर्फ अपने भाग्य का खुद फैसला करने का अधिकार चाहती है, लेकिन इस कारण उन पर खतरा मंडरा रहा है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम उनकी अपीलों को सुनें."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी