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भारत में पेट्रोल 5 रुपये महंगा

१५ मई २०११

भारत में पेट्रोल पांच रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ. सरकारी तेल कंपनियों से शनिवार आधी रात से पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए है. इस बढ़ोत्तरी के साथ ही भारत में पहली बार पेट्रोल के दाम 60 रुपये लीटर के पार चले गए हैं.

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तस्वीर: AP

पेट्रोल की कीमतों में यह अब तक का सबसे बड़ा इजाफा है. बीते एक साल में यह आठवां मौका है जब पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए हैं. दिल्ली में अब इंडियन ऑयल का पेट्रोल 63.37, चेन्नई में 67.22, मुंबई में 68.33 और कोलकाता में 67.71 रुपये लीटर बिकने लगा है. पूर्वोत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों में तो पेट्रोल और भी महंगा बिकेगा.

भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने भी दाम बढ़ाए हैं. तेल कंपनियों का कहना है कि कीमतों में इतना इजाफा करने के बावजूद उन्हें अब भी एक लीटर पेट्रोल में 5.50 रुपये का नुकसान हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आसमान पर हैं. इसी वजह से तेल कंपनियों को घाटा सहना पड़ रहा है.

तेल कंपनियां चाहती हैं कि सरकार उनको हुए नुकसान की भरपाई करे. एक अधिकारी ने कहा, ''हालांकि पिछले साल सरकार ने पेट्रोल की कीमत नियंत्रित करना बंद कर दिया लेकिन हमें अब भी बढ़ोत्तरी का एलान करने से पहले इजाजत लेनी पड़ती है. घाटे की भरपाई के लिए एक तंत्र बनाने की हमारी मांग पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. अगर केंद्र ग्राहकों पर बोझ नहीं डालना चाहता है तो उसे हमारे नुकसान की भरपाई करनी होगी.''

भारत में पेट्रोल के दाम बढ़ने से दूसरे किस्म की डरावनी तस्वीर भी उभर रही है. हाल के सालों में डीजल कारों की मांग तेजी से बढ़ी है. डीजल कारें पेट्रोल कारों की तुलना में पर्यावरण के लिए ज्यादा नुकसानदेह होती है. दिल्ली जैसे शहरों में डीजल कारों की प्रदूषण फिर से बढने लगा है.

इसकी एक वजह यह भी है कि भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अब तक स्थानीय सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए बेहद ठोस कदम नहीं उठा सकी हैं. देश में स्कूटर, मोटरसाइकिल और कारों की अथाह मांग बरकरार है. परिवहन क्षेत्र के जानकार कहते हैं कि अगर देश में सार्वजनिक परिवहन की अच्छी और सुरक्षित व्यवस्था हो तो पेट्रोल की मांग अपने आप नीचे आ जाएगी. पर्यावरण भी कम जहरीला होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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