शक्कर करती है दिमाग खराब
१७ सितम्बर २०१२कैनबरा के वैज्ञानिकों का दावा है कि कई बार जिसे हम शक्कर की सामान्य मात्रा समझते हैं वो भी जरूरत से ज्यादा होती है और मधुमेह का कारण बन सकती है. इसे मधुमेह टाइप- 2 कहा जाता है. इससे दिमाग सिकुड़ने लगता है और इसके लक्षण उन लोगों में दिखाई पड़ते हैं जो भूलने की बीमारी से ग्रस्त होते है. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कैनबरा में मस्तिष्क विभाग के प्रमुख, निकोलस शेरबिन कहते हैं, "शोध के दौरान हमने पाया है कि समान्य श्रेणी में, जिन लोगों को मधुमेह नहीं है उन लोगों में भी शक्कर की मात्रा सामान्य से ज्यादा पाई गई. इससे हिप्पोकैम्पस घटने लगता है."
हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क में पाया जाने वाला वो पदार्थ है जो याददाश्त के लिए जिम्मेदार होता है. अगर ये प्रयोग दूसरे लोगों पर भी सही साबित होता है तो फिर मधुमेह के लिए जिम्मेदार शक्कर की मात्रा को फिर से परिभाषित करना होगा.
चार सालों तक शेरबिन ने इस बारे में व्यापक शोध किया. उन्होंने 60 से लेकर 64 साल तक के 249 लोगों का अध्ययन किया. अध्ययन के दौरान उन्होने पाया कि इन लोगों के खून में शक्कर की मात्रा प्रति लीटर के हिसाब से 4 से 6 मिलीमोल थी. जिन लोगों के खून में शक्कर की मात्रा ज्यादा थी उनमें हिप्पोकैम्पस के नष्ट होने की संभावना सबसे ज्यादा थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक मधुमेह टाइप-2 की एक बड़ी वजह जीवन शैली भी है. इसकी वजह से भी खून में शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है. अच्छा खाने, नियमित कसरत और चिंता छोड़कर इस समस्या से बचा जा सकता है.
वीडी/एएम (डीपीए)