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हसन अली केस में फंसते शीर्ष अधिकारी और नेता

१७ अप्रैल २०११

हसन अली केस में यूपी के मुख्य सचिव और पुडुचेरी के उप राज्यपाल का नाम सामने आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय दोनों से पूछताछ करने की तैयारी कर रहा है. आरोप हैं कि इन दोनों ने पासपोर्ट और निवेश के मामलों में हसन अली की मदद की.

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हसन अली खानतस्वीर: UNI

पुडुचेरी के उप राज्यपाल इकबाल सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव विजय शंकर को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है. सूत्रों के मुताबिक बिहार के नेता अमलेंदु पांडे से पूछताछ में विजय शंकर और इकबाल सिंह के नाम सामने आए.

इकबाल सिंह और विजय शंकर पर हसन अली की मदद करने के आरोप हैं. इन दोनों पर हसन अली को पासपोर्ट बनाने में मदद करने और विदेशों में उसके निवेश से जुड़े होने के आरोप लग रहे हैं. उत्तर प्रदेश के शीर्ष सरकारी अधिकारी विजय शंकर ने मामले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है.

वहीं, पुडुचेरी के उप राज्यपाल के प्रवक्ता ने समन मिलने की रिपोर्ट का खंडन किया है. राजनिवास के ओएसडी जेपी सिंह ने कहा, ''उप राज्यपाल फिलहाल आधिकारिक काम की वजह से दिल्ली में हैं. मैंने उनसे बात की. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय या अन्य जांच एजेंसी के समन से इनकार किया है.''

Hasan Ali Khan
तस्वीर: UNI

इकबाल सिंह ने यह जरूर माना है कि अमलेंदु पांडे उनके पास एक पासपोर्ट का मामला लेकर आए थे. इकबाल के मुताबिक 1992 से 1998 के बीच वह राज्यसभा सदस्य थे. उस दौरान अमलेंदु पांडे अपने एक परिचित की पासपोर्ट अर्जी लेकर उनके पास आए. विदेश में इलाज कराने की बात कहते हुए पासपोर्ट की एप्लीकेशन दी गई. इकबाल ने एप्लीकेशन को तत्कालीन विदेश मंत्री आईके गुजराल के पास बढ़ा दिया. वहां से एप्लीकेशन क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना पहुंची.

अमलेंदु पांडे से 14 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर चुका है. पांडे से की गई पूछताछ में ही इकबाल और विजय शंकर के नाम सामने आए. इकबाल सिंह 13 अप्रैल से दिल्ली में हैं. उनके प्रवक्ता ने इस बात का ब्यौरा नहीं दिया है कि दिल्ली वह किस तरह के सरकारी काम से गए हैं. अब तक यह पता चला है कि पांडे ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे हसन अली का पासपोर्ट बनवाया.

हसन अली का साथी काशीनाथ तापुरिया भी हिरासत में है. जांच में पता चला है कि तापुरिया, पांडे और हसन अली 1997 में स्विस बैंक में खाता खुलवाने के लिए सिंगापुर गए. पुणे के घोडा़ व्यवसायी हसन अली खान पर टैक्स चोरी, काला धन रखने और मनी लांड्रिंग के आरोप हैं. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक हसन अली और तापुरिया पर 75,000 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है. ऐसे भी आरोप हैं कि हसन अली के अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलरों से संबंध हैं. इस बात की जांच भी चल रही है कि क्या कभी हसन अली आतंकवादी संगठनों के संपर्क में रहा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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