जर्मनी में कई चुनाव हारने के बाद सीडीयू की बड़ी जीत
९ मई २०२२जर्मनी की रूढ़िवादी पार्टी सीडीयू ने उत्तरी राज्य श्लेषविग होल्स्टाइन में चुनाव जीत लिया है. पूर्व चांसलर अंगेला मैर्केल इसी पार्टी की नेता हैं. सोमवार सुबह जारी हुए नतीजों के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री डानियल गुंथर के नेतृत्व में क्रिश्चियान डेमोक्रेटिक यूनियन यानी सीडीयू पर्यावरणवादी ग्रीन पार्टी और मध्य वामपंथी एसपीडी से न सिर्फ आगे है, बल्कि पिछली बार की तुलना में अपना वोट शेयर बढ़ाने में भी कामयाब हुई है.
एसपीडी तीन नंबर पर, तो एएफडी बाहर
केंद्रीय सरकार के गठबंधन का नेतृत्व कर रही और मौजूदा चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की पार्टी एसपीडी इस चुनाव में खिसककर तीसरे नंबर पर आ गई है. यह उसका श्लेषविग होल्स्टाइन राज्य में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है. वहीं एसपीडी, ग्रीन पार्टी से भी पिछड़ गई है. धुर दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड को भी झटका लगा है और वह विधानसभा में आने के लिए जरूरी 5 फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर पाई.
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सीडीयू के लिए रविवार को हुए चुनावों ने पार्टी को बीते एक साल में सबसे बड़ी जीत दिलाई है. इससे पहले उसे न सिर्फ केंद्र, बल्कि कई राज्यों में भी मुंह की खानी पड़ी थी, जिसमें सारलैंड का चुनाव सबसे आखिर में हुआ था.
अगले चुनाव के लिए संकेत!
अगले रविवार को होने वाला चुनाव इस लिहाज से भी बहुत अहम होगा, क्योंकि जर्मनी के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफालिया यानी एनआरवे में इसी दिन चुनाव होना है. इसे "छोटी संसद का चुनाव" भी कहा जाता है.
नॉर्थ राइन वेस्टफालिया के मुख्यमंत्री हेंद्रिक वुएस्ट ने श्लेषविग होल्स्टाइन में अपनी पार्टी की जीत का जश्न यह कहकर मनाया कि यह अगले हफ्ते होने वाले उनके राज्य के चुनाव के लिए बढ़िया संकेत हैं. हालांकि, चुनावी सर्वेक्षणों के नतीजे में सीडीयू और एसपीडी के बीच कड़ी टक्कर रहने की बात कही जा रही है.
किसे कितने वोट मिले
श्लेषविग होल्स्टाइन के आखिरी नतीजों के मुताबिक सीडीयू को 43,4 फीसदी वोट मिले हैं. पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में मिले 32 फीसदी वोटों की तुलना में यह काफी ज्यादा है. ग्रीन पार्टी को 18.3, जबकि कारोबार समर्थक पार्टी एफडीपी को 6.4 फीसदी वोट मिले हैं.
राज्य में थॉमस लॉस मुलर के नेतृत्व वाली एसपीडी को 16 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा. एसपीडी को 2009 में 25.4 फीसदी वोट मिले थे, जिसे अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन कहा जाता था. लेकिन, इस बार तो मामला और बिगड़ गया. वह भी तब, जब केंद्र में सरकार का नेतृत्व और चांसलर दोनों पार्टी के पास हैं. महज 4.4 फीसदी वोट पाने के बाद लोक लुभावन एएफडी की राज्य की विधानसभा से विदाई हो गई है. बीते वर्षों में पार्टी को 5 से 6 फीसदी तक वोट मिल रहे थे. पार्टी के नेता योर्ग नोबिस का कहना है कि अंदरूनी खींचतान की वजह से उसे नुकसान हुआ है.
सीडीयू के पास कई विकल्प
सीडीयू के गुंथर 48 साल के हैं और अब उनके पास सरकार बनाने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. वह चाहें तो ग्रीन पार्टी और एफडीपी के साथ चले आ रहे मौजूदा गठबंधन को जारी रख सकते हैं या फिर दो पार्टियों वाला नया गठबंधन भी बना सकते हैं.
खुशी से नारे लगाते समर्थकों के सामने गुंथर ने कहा, "लोगों ने बड़ा भरोसा और निश्चित रूप से बड़ा समर्थन दिया है, जो मेरे लिए निजी तौर पर भी है." गुंथर ने याद दिलाया कि उन्होंने चुनाव से पहले ग्रीन पार्टी और एफडीपी के साथ गठबंधन जारी रखने की बात की थी और इस बात पर जोर दिया कि वे दोनों पार्टियों से इस बारे में बात करेंगे.
श्लेषविग होल्स्टाइन में रहने वाले 23 लाख वोटरों पर यह तय करने की जिम्मेदारी है कि विधानसभा का स्वरूप कैसा हो. इस बार वोटरों की तादाद 60.4 फीसदी रहने की बात कही जा रही है, जो 2017 के 64.2 फीसदी से कम है.
यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद ऊर्जा और ईंधन की बढ़ी कीमतों ने चुनाव अभियानों में बड़ी भूमिका निभाई है. लोग ज्यादा राहत की मांग कर रहे हैं. पवन चक्की जैसे अक्षय ऊर्जा के स्रोतों की मांग गांवों के इलाकों से भी आ रही है और यह चुनाव के प्रमुख मुद्दों में था.
एनआर/वीएस (डीपीए)