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अब शी जिनपिंग के निशाने पर व्यापारिक भ्रष्टाचार

२३ जनवरी २०२४

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान वित्त और व्यापार क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है. लेकिन कमजोर आर्थिक विकास से जूझ रहे चीन के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है.

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वियतनाम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
तस्वीर: Nhac Nguyen/Pool/AP/picture alliance

चीनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान कम्युनिस्ट पार्टी से लेकर, सेना और फुटबॉल टीम तक बहुत से क्षेत्रों में कोहराम मचा चुका है. अब बारी वित्त और व्यापार क्षेत्र की है. लेकिन यह आशंका लोगों को डरा रही है कि अगर व्यापारिक क्षेत्रों पर किसी तरह की भ्रष्टाचार-रोधी कार्रवाई की जाती है तो उसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है, जो पहले से ही धीमी हो रही है.

एक दशक पहले सत्ता में आने के बाद शी ने+ देशभर में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ तेज अभियान छेड़ा था. 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक इस अभियान के तहत अब तक 47 लाख लोगों को सजा दी जा चुकी है.

इस बारे में सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट छापी थी. हांग कांग से छपने वाले अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक सार्वजनिक की गई अपराधिक जांचों का ब्यौरा बताता है कि 2022 के मुकाबले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पिछले साल जांच के मामलों में 40 फीसदी की वृद्धि हुई है.

हाल ही में चीन की सेना की सबसे विशेष यूनिट के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई और नौ बड़े अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया. इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को निशाना बनाया गया था. और अब राष्ट्रपति शी ने वित्त और व्यापार क्षेत्र पर कार्रवाई करने का ऐलान किया है.

इसमें बैंकिंग और प्रॉपर्टी के अलावा कई सरकारी विभाग शामिल हैं. यह बात लोगों को इसलिए ज्यादा डरा रही है क्योंकि स्थानीय सरकारों पर कर्ज बढ़ रहा है और लोगों की खर्च क्षमता लगातार कम हो रही है.

हाल ही में शी जिनपिंग ने लोगों से कहा कि भ्रष्टाचार की "गंभीर और जटिल” समस्या से निपटने के लिए "और अधिक कोशिशों” की जरूरत है.

विचारधारा सबसे ऊपर

चीन की घरेलू राजनीति में विशेषज्ञता रखने वाली एक संस्था सेरसस ग्रुप के सीईओ आलेक्स पेयेटे कहते हैं, "शी के लिए आर्थिक अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता नहीं है जबकि पार्टी परेशानियों के बावजूद लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए बहुत हद तक विकास पर निर्भर है.”

पेयेटे कहते हैं कि विदेशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर कम करने और अर्थव्यवस्था को पूरी तरह पार्टी के नियंत्रण में लाने के लिए शी कई महत्वपूर्ण उद्योग क्षेत्रों को निशाना बनाने की तैयारी में हैं.

उन्होंने कहा, "उनके लिए सबसे मूल बात यह है कि कार्यकर्ता पार्टी की मूल विचारधारा से भटक रहे हैं. (जिसमें माना जाता है कि) भ्रष्टाचार सीधे तौर पर बाजार और विदेशी विचारों का नतीजा है.”

कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर विक्टर शी का मानना है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में अस्थिरता के बीच चीनी नेता को कोई विरोधाभास नजर नहीं आता.

वह कहते हैं, "वह चाहते हैं कि नेता और अधिकारी हर वक्त पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करें लेकिन उन्होंने अधिकतर अधिकारियों को मिलने वाली तन्ख्वाहों और अन्य फायदों में कमी कर दी है. इससे भ्रष्टाचार में लिप्त होने की वजह बढ़ती हैं, जिसका नतीजा गिरफ्तारियों के सिलसिले के रूप में सामने आता है.

विरोधियों को दबाने की कोशिश

शी की नीतियों के समर्थक कहते हैं कि उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से शासन में स्वच्छता बढ़ती है लेकिन आलोचक इसे विरोधियों को कुचलने के माध्यम के तौर पर भी देखते हैं.

इस अभियान पर अध्ययन करने वाले जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू वीडमान कहते हैं कि हाल में जिन लोगों को अभियान के तहत निशाना बनाया गया है उनमें उच्च पदों पर बैठे लोगों से ज्यादा मध्यम दर्जे के अधिकारी हैं.

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पिछले साल ही चीन ने अपने रक्षा और विदेश मंत्रियों को अचानक पदों से हटा दिया था. इसके अलावा सेना के बड़े जनरलों पर भी कार्रवाई हुई. इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया लेकिन ऐसी अटकलें लगाई गईं कि ये मामले भ्रष्टाचार से जुड़े थे.

वीडमान कहते हैं कि हो सकता है, इसके पीछे शी के प्रति निष्ठा भी एक कारण रहा हो. इसी तर्क को आगे बढ़ाते हुए वह कहते हैं, "वित्त क्षेत्र पर कार्रवाई की वजह वहां फैला भ्रष्टाचार हो सकता है. या फिर ऐसा भी हो सकता है कि शी को लगने लगा हो कि ये क्षेत्र आत्मनिर्भर और ज्यादा ताकतवर होते जा रहे हैं, जो उनकी सत्ता के लिए खतरा हो.”

वीके/सीके (एएफपी)

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