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इलेक्टोरल बॉन्ड विवाद
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इस विषय पर सारी सामग्री
लोकसभा चुनाव लड़ने में कितना खर्च करना पड़ता है
वित्त मंत्री सीतारमण के पास चुनाव लड़ने के पैसे ना होने के उनके बयान ने चुनावों में पैसों की भूमिका को रेखांकित किया है.
चुनावी बॉन्ड पर एसबीआई के नए डाटा में क्या सामने आया
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी हिदायत के बाद एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है.
कौन हैं सबसे बड़े चुनावी बॉन्ड डोनर सैंटियागो मार्टिन
सैंटियागो मार्टिन की कंपनी चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिकों दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले के रूप में उभरी है.
क्या है चुनावी बॉन्ड का रहस्यमय कोड
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा है कि चुनावी बॉन्ड से जुड़ी हर वो जानकारी अदालत को दे जो उसने अभी तक नहीं दी है.
लोकसभा चुनाव: सात चरणों में वोटिंग, 4 जून को नतीजे
भारत में आम चुनावों की तारीखों का एलान हो गया. 46 दिनों में 7 चरणों के भीतर लोकसभा चुनाव होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे.
चुनावी बॉन्ड: राजनीतिक दलों की फंडिंग करने वाले कौन
भारत के निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए.
भारत: राजनीतिक पार्टियों में फंडिंग कैसे गलत है?
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड के तहत मिलने वाले चंदे पर रोक लगा दी है. क्या इसका कोई असर पड़ेगा?
चुनावी बॉन्ड: एसबीआई की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने की समय सीमा बढ़ाने की भारतीय स्टेट बैंक की याचिका खारिज कर दी.
चुनावी बॉन्ड: एसबीआई के खिलाफ अवमानना याचिका
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी जारी नहीं किए जाने के बाद एडीआर ने अवमानना याचिका दायर की है.
भारत की सबसे अमीर पार्टी कौन?
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 6 राजनीतिक दलों ने अपनी आय घोषित की.
चुनावी बॉन्ड से किस पार्टी को मिला कितना चंदा
चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राजनीतिक पार्टियों की कमाई को लेकर कई रोचक तथ्य सामने आए.
चुनावी बॉन्ड बंद हों, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताया है और इसे रद्द करने का आदेश दिया है.
भारत: किस पार्टी को मिले सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड पर इस समय बहस हो रही है. क्या आप जानते हैं कि किस पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक चंदा मिला?
क्या होते हैं चुनावी बॉन्ड और क्यों उन पर छिड़ी है जंग
2018 में लाई गई इस योजना के तहत राजनीतिक दलों की फंडिंग के लिए 12,000 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा की धनराशि दी जा चुकी है.
चुनावी बॉन्ड भर रहे क्षेत्रीय दलों की झोलियां
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने विश्लेषण में पाया कि राजनीतिक दलों की कमाई का बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्ड से आ रहा.
चुनावी बॉन्ड से पार्टियों ने कमाए 10,000 करोड़ रुपये
चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों ने चार सालों में 10,000 करोड़ रुपये कमा लिए हैं.
इलेक्टोरल बॉन्ड से बीजेपी की भरती झोली
भारतीय जनता पार्टी को 2019-20 में इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले करीब 2,555 करोड़ रुपए.
बढ़ रही है राजनीतिक पार्टियों की कमाई
बीते एक साल में भारत की छह राष्ट्रीय पार्टियों की कुल कमाई में 2300 करोड़ रुपये यानी 166 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इलेक्टोरल बॉन्ड से किसे फायदा किसे नुकसान
इलेक्टोरल बॉन्ड से भारत की राजनीति में कितनी ईमानदारी आने की उम्मीद है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बीजेपी-कांग्रेस का चंदा मुश्किल में
30 मई तक सभी राजनीतिक दलों को एक सीलबंद लिफाफे में सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपनी होगी.
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