चीन ने कहा, दुर्लभ पदार्थों का निर्यात नहीं रोकेगा
३१ अक्टूबर २०१०शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने दक्षिणी चीन के हाइनान द्वीप में स्थित सान्या शहर में चीनी अधिकारियों से मुलाकात की. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक चीन के प्रमुख विदेश नीतिकार दाई बिंगगुओ ने जापान और चीन के बीच द्वीपों पर विवाद और आर्थिक नीतियों के सिलसिले में क्लिंटन की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की.
इससे पहले शनिवार को हानोई में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान क्लिंटन ने चीन के विदेश मंत्री यांग चिएची से बातचीत की. उनके मुताबिक चीन के विदेश मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह दुर्लभ पदार्थों के निर्यात को रोकना नहीं चाहता. यह पदार्थ हाइ टेक उपकरणों में इस्तेमाल किए जाते हैं और इनकी आपूर्ति के लिए विश्व लगभग पूरी तरह चीन पर निर्भर है. क्लिंटन ने कहा कि बाकी देशों को इन पदार्थों के लिए अन्य विकल्प ढूंढ़ने होंगे. दाई बिंगगुओ ने भी सान्या में अपने सरकार के दावे की पुष्टि करते हुए कहा है कि आपूर्ति के लिए चीन पर भरोसा किया जा सकता है.
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक अमेरिका ने दोनों पक्षों से कहा है कि जापान और चीन के बीच सकारात्मक बातचीत होनी चाहिए. क्लिंटन ने 16 देशों के पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में कहा था कि नौवहन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए. चीन चाहता है कि इन मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जाए. विदेश मंत्री यिएची ने इससे पहले अमेरिका से कहा था कि वह जापान और चीन के बीच विवादित दियाओ यू या सेनकाकू द्वीपों के बारे में गैरज़िम्मेदाराना टिप्पणियां न करे.
पिछले दो महीनों से चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू या फिर चीनी भाषा में दियाओयू द्वीपों को लेकर विवाद ने कूटनीतिक मोड़ ले लिया है. दोनों पक्षों ने इन द्वीपों पर अपना हक जमाया है. ये द्वीप दुर्लभ पदार्थों के लिए जाने जाते हैं. उधर तायवान, मलेशिया, फिलिपीन्स और वियतनाम भी इन द्वीपों पर अपना हक जताना चाहते हैं.
रविवार को क्लिंटन कंबोडिया पहुंची जहां वह राजधानी फ्नोम पेन्ह से पहले अंकोर वाट मंदिर का दौरा करेंगी. सोमवार को वह राजा नोरोदोम सिहामोनी और प्रधानमंत्री हुन सेन से मुलाकात करेंगी.
रिपोर्टःएजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादनः महेश झा