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पर्यावरण के लिए जर्मनी भारत में 10 अरब यूरो खर्च करेगा

निखिल रंजन
२ मई २०२२

जर्मनी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जर्मन चांसलर और कैबिनेट के सदस्यों की बैठक में आपसी सहयोग को बढ़ाने पर बड़े फैसले हुए हैं. यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा.

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चांसलरी में सलामी गारद का निरीक्षण करते प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्त्स
चांसलरी में सलामी गारद का निरीक्षण करते प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्त्सतस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने आने वाले सालों में भारत के साथ सहयोग पर 10 अरब यूरो खर्च करने की घोषणा की है. शॉल्त्स ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, "सहयोग की परियोजनाओं को लागू करने के कदमों के लिए हम अगले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर धन देंगे जो कुल मिलाकर 10 अरब यूरो का होगा."

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भारत और जर्मनी के बीच सहयोग के लिए बने इंडो जर्मन इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन की यह छठी बैठक थी जो बर्लिन में हुई. इससे पहले आखिरी बैठक दिल्ली में 2019 में हुई थी. 

जर्मनी और भारत ने इस दौरान आपसी सहयोग के 14 करारों पर दस्तखत किए हैं. इनमें टिकाऊ विकास पर खासा ध्यान दिया गया है. स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी 2030 तक भारत में 10 अरब यूरो का निवेश करेगा.

बर्लिन में कैबिनेट सदस्यों के साथ नरेंद्र मोदी और ओलाफ शॉल्त्स
बर्लिन में कैबिनेट सदस्यों के साथ नरेंद्र मोदी और ओलाफ शॉल्त्स तस्वीर: Clemens Bilan/Getty Images

संकट से निबटने के लिए शांति जरूरी

प्रेस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते कुछ साल पूरी दुनिया के लिए संकटपूर्ण रहे हैं और कोरोना की महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी परिणाम हुए हैं. उन्होंने माना कि दुनिया परस्पर सहयोग और शांति के राह पर चल कर ही इस संकट का हल निकाल सकती है.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स का आभार जताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है और आने वाले समय में यूरोपीय संघ के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति के लिए भारत प्रतिबद्ध है. पिछले दिनों यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन के भारत दौरे पर ईयू के साथ मुक्त व्यापार की बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी है.

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यूक्रेन संकट में भारत से समर्थन की उम्मीद

जर्मन चांसलर यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर लगाये गये यूरोप और अमेरिका के कड़े प्रतिबंधों में भारत का समर्थन चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर यूक्रेन और रूस से कही अपनी बात दोहराई, "हम मानते हैं कि इस युद्ध में कोई विजयी नहीं हो सकता." प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर रूस की आलोचना करने से खुद को अलग ही रखा. 

दोनों नेताओं से पत्रकारों को सवाल पूछने की अनुमति नहीं मिली
दोनों नेताओं से पत्रकारों को सवाल पूछने की अनुमति नहीं मिलीतस्वीर: JOHN MACDOUGALL/AFP via Getty Images

प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को सवाल पूछने की अनुमति नहीं मिली. आमतौर पर चांसलर के साथ अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कम से कम चार सवाल पूछने की अनुमति होती है. एक जर्मन अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए भारत के कहने पर पत्रकारों के सवाल की अनुमति नहीं दी गई.

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भारत और जर्मनी के बीच हुए कई समझौते

दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में अक्षय ऊर्जा और हाइड्रोजन का इस्तेमाल बढ़ाने में तकनीकी सहयोग, ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने, जैव विविधता को बचाने के साथ ही कृषि भूमि के इस्तेमाल को बेहतर करने जैसे काम चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा प्रवासी, परमाणु शोध और दोनों सरकारों के बीच एक संवाद के लिए सुरक्षित चैनल बनाने पर भी करार हुआ है.

दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी
दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थीतस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

जर्मन चांसलर ने भारत, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को सात औद्योगिक देशों के संगठन जी7 की बैठक में भी आमंत्रित किया है. यह बैठक जून के आखिर में जर्मनी में होगी. इस समय जर्मनी जी7 की अध्यक्षता कर रहा है.